सफलता के लिए कड़ी मेहनत और असीम साधना जरूरी
सफलता हर किसी के जीवन का लक्ष्य है। जीवन चुनौतियों और अवसरों से भरा हुआ है। ऐसे में कड़ी मेहनत और असीम साधना सफलता की यात्रा का एक मात्र मंत्र है। हमने बचपन में कई कहानियां सुनी हैं।
सफलता हर किसी के जीवन का लक्ष्य है। जीवन चुनौतियों और अवसरों से भरा हुआ है। ऐसे में कड़ी मेहनत और असीम साधना सफलता की यात्रा का एक मात्र मंत्र है। हमने बचपन में कई कहानियां सुनी हैं। जैसे- चींटी की कहानी जो पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करती है और साधना व स्थिरता से जिदगी की जंग जीत जाती है। इन सभी कहानियों की सीख एक ही है कि जब तक आप सफल न हो तब तक साधनारत रहिये।
दो बुनियादी पहलू या शक्तियां है जो हर व्यक्ति के भीतर काम कर रही हैं। एक है आत्म संरक्षण की शक्ति, आत्म संरक्षण यानि स्वयं को बचाने की प्रवृत्ति जो लगातार हमारे चारों ओर सुरक्षा की दीवार बनाने की कोशिश कर रही है, जिनमें हम जी रहे है। यही दो है जिसमें हम जी रहे है। चाहे वो कुछ इकट्ठा करने के रूप में हो या किसी इंसान की हर इच्छा के रूप में ये मूल रूप से इन्हीं दो शक्तियों का खेल है। एक बार जब हम अपनी पहचान किसी सीमित वस्तु से जोड़ने की कोशिश करते है तो स्वयं को बचाने की प्रवृति पूरी तरह से जीत जाती है। इस हद तक जहां ऐसा लगता है कि दूसरी शक्ति का अस्तित्व ही नहीं है। यही अपनी साधना में सुफल के प्रयास का सार है।
सफलता की हर कहानी कठिन साधना से लिखी गई है। पाषाण युग से आज के अंतरिक्ष युग तक सभ्यता का विकास अनगनित पुरषार्थियों की साधना का ही परिणाम है। उन्होंने अनुभव किया होगा कि साधना के दौरान मन की शक्ति किस प्रकार बढ़ जाती है। पतंजलि ने साधना के लिए अहिसा के महत्व को समझाया है जो अहिसा का अभ्यास करता है, उसके संपर्क में आने वाले, अपने मन में उसके प्रति कलुषता समाप्त कर देते हैं।
- जसवीर चौहान, प्रिसिपल, एसडीपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हजूरी रोड