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मर्ज से पहले मरीज को समझना जरूरी : डॉ. बोरकर

होम्योपैथी में बीमारी का इलाज करने से पहले इंसान को समझना बेहद जरूरी है। जब तक इंसान को नहीं समझेंगे तब तक बीमारी का बेहतर ढंग से इलाज नहीं किया जा सकता। यह कहना रहा मुंबई से आए होम्योपेथिक विशेषज्ञ प्रोफेसर प्रफुल बोरकर का। डा. बोरकर को होम्योपैथी पद्धति से इलाज करने में 25 पच्चीस सालों का अनुभव है। वह होम्योपैथी से गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाने जाते हैं। वह रविवार को लार्ड महावीर होम्योपेथी कॉलेज एंड अस्पताल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपेथिक फिजीशियन पंजाब की ओर से आयोजित रिजनल साइंटफिक सेमिनार में पहुंचे थे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 07:00 AM (IST)
मर्ज से पहले मरीज को समझना जरूरी : डॉ. बोरकर
मर्ज से पहले मरीज को समझना जरूरी : डॉ. बोरकर

जासं, लुधियाना :

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होम्योपैथी में बीमारी का इलाज करने से पहले इंसान को समझना बेहद जरूरी है। जब तक इंसान को नहीं समझेंगे, तब तक बीमारी का बेहतर ढंग से इलाज नहीं किया जा सकता। यह कहना रहा मुंबई से आए होम्योपैथिक विशेषज्ञ प्रोफेसर प्रफुल बोरकर का।

डॉ. बोरकर को होम्योपैथी पद्धति से इलाज करने में 25 पच्चीस सालों का अनुभव है। वह होम्योपैथी से गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाने जाते हैं। वह रविवार को लार्ड महावीर होम्योपैथी कॉलेज एंड अस्पताल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथिक फिजीशियन पंजाब की ओर से आयोजित रिजनल साइंटिफिक सेमिनार में पहुंचे थे। सेमिनार में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ से डेलीगेट पहुंचे थे।

डॉ. बोरकर ने कहा कि हर इंसान की प्रवृति अलग-अलग है। होम्योपैथिक में इंसान की प्रवृति के अनुसार अलग इलाज है। प्रवृति को समझने का मतलब मरीज की आदतों, व्यवहार, पसंद, नापसंद, रहन सहन के बारे में जानने से है। फिर बीमारी की शुरूआत से उसके बढ़ने तक के अलग अलग पड़ावों के बारे में जानकारी एकत्रित की जाती है। इस पूरी प्रक्रिया को मरीज को समझना कहते हैं। डॉ.बोरकर ने सिरोइसिस, एग्जिमा, गैंगरीन, लाइकन, प्लेनेस सहित अन्य जटिल त्वचा रोगों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी बीमारियों का होम्योपैथी में बेहद कारगर इलाज है। वहीं इस मौके पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपेथिक फिजीशियन पंजाब के प्रेजीडेंट डॉ. राजेश सोफ्त ने कहा कि इस सेमिनार में होम्योपैथी से लाइलाज बीमारियों के इलाज को लेकर आई नई तकनीक व दवाओें के बारे में बताया गया। इससे पहले कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. रविदर कोचर ने सेमिनार का उद्घाटन किया।


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