अखबार से नहीं फैलना संक्रमण, पढ़ने से बिलकुल न डरें: डॉ. अरुण मित्रा
जब मुंह से कोई ड्रॉप्स अखबार पर गिरता है तो अखबार उसे चूस लेता है और किसी भी प्रकार का वायरस जिंदा नहीं रह पाता। उनके घर तो रोज अखबार आता है।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना वायरस के कारण सोशल मीडिया में जरिये भ्रमित करने वाली बातें सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि अखबार पढ़ने से संक्रमण फैलता है। जबकि ऐसा नहीं है। डरने की बिलकुल जरूरत नहीं है। अभी भी अखबार सुरक्षित है। यह कहना है इंडियन डॉक्टर्स फॉस पीस एंड डिवलेपमेंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट व आइएमए लुधियाना के प्रेसिडेंट रह चुके डॉ. अरुण मित्रा का।
डॉ. मित्रा ने कहा कि आजकल तो बहुत जरूरी हो गया है अखबार पढ़ना। क्योंकि देश व दुनिया की जानकारी प्राप्त करने का एक मात्र यही जरिया है। अखबार की विश्वसनीयता भी है। वायरलोजिस्ट ने भी अपनी ओपिनियन दी है कि अखबार पढ़ने से न डरें।
उनका कहना है कि जब मुंह से कोई ड्रॉप्स अखबार पर गिरता है, तो अखबार उसे चूस लेता है और किसी भी प्रकार का वायरस जिंदा नहीं रह पाता। उनके घर तो रोज अखबार आता है। वह जब चौथी कक्षा में थे, तब से अखबार पढ़ रहे हैं। परिवार में अखबार पढ़ने का कल्चर है। आज 60 साल हो गए, उन्हें अखबार पढ़ते हुए। रोजाना करीब एक घंटा वह अखबार पढ़ते ही हैं। उन्हें अखबार में अंतरराष्ट्रीय राजनीति से जुड़ी हुई खबरें और संपादकीय पढऩा पसंद है। अखबार में एक ही जगह पर सारी जानकारी मिलने के कारण कम समय में ही हम सब कुछ जान सकते हैं। हालांकि आजकल ऑनलाइन अखबार का भी विकल्प मौजूद है। लेकिन तब भी वह घर अखबार जरूर लेते हैं। यदि हम प्रतिदिन नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने की आदत बनाते है, तो यह हमारे लिए काफी लाभदायक हो सकता है।
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