प्रदूषण कम करने के लिए नई टेक्नोलॉजी का सहारा लेंगे उद्यमी, सरकार से मांगा इतना समय
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अब प्रदूषण कंट्रोल सिस्टम को बदलने के लिए कहा गया है! प्रदूषण को कम करने के लिए हुड टेक्नोलॉजी अपनाने को कहा है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभिन्न स्तर पर नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं और विभागों की ओर से इसके लिए सख्ती बरती जा रही है। इसी कड़ी में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अब प्रदूषण कंट्रोल सिस्टम को बदलने के लिए कहा गया है। इसके लिए फर्नेस यूनिटों को प्रदूषण को कम करने के लिए हुड टेक्नोलॉजी अपनाने को कहा गया है। यह टेक्नोलॉजी नई होने के कारण इसको इंस्टाल करने के लिए अभी ज्यादा कंपनियां तैयार नहीं हैं और इसे चलते प्लांट में इंस्टाल करने को भी समय चाहिए। उद्यमियों का कहना है कि यह तकनीक नई है। इसे लागू करने के लिए 35 लाख रुपये प्रति यूनिट का खर्च आना है। इसके साथ ही अभी इसकी उपलब्धता नहीं है। इसलिए इसे लगाने के लिए मात्र एक महीने का समय प्र्याप्त नहीं है। इसको बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि इंडस्ट्री इसे आसानी से लागू कर सकें। ऐसे में कई कंपनियों की प्रदूषण बोर्ड से मिलने वाली कंसेंट भी लटक सकती है, जो इंडस्ट्री चलाने के लिए अनिवार्य है।
कंपनियां प्रदूषण रोकथाम को तैयार, लेकिन समय चाहिए : गर्ग
इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के प्रधान केके गर्ग के मुताबिक यह अभी नई तकनीक है और इसको इंस्टाल करने के लिए समय चाहिए। सारी कंपनियां प्रदूषण रोकथाम के लिए योगदान देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है लेकिन इंडस्ट्री को इसके लिए समय देना चाहिए।
कम से कम छह महीने का समय दे सरकार : देव गुप्ता
फर्नेस उद्यमी देव गुप्ता के मुताबिक इस बदलाव के लिए केवल एक माह का समय दिया गया है, भले ही यह समाज हित में हैैं, लेकिन इसको बदलने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। इस टेक्नोलॉजी को लगाने के लिए सरकार को कम से कम छह महीने का समय देना चाहिए और प्रदूषण विभाग को तब तक कंसेट भी दे देनी चाहिए।