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Corona Effect : काेराेना काल में E-commerce कंपनियों का बढ़ा रोजगार, सिकुडऩे लगा परंपरागत बाजार

आंकड़े बताते हैं कि 2015 में ऑनलाइन खरीदारों की संख्या देश में छह करोड़ थी। अब यह संख्या लगभग साढ़े अठारह करोड़ हो गई है। कोरोना काल के दौरान तमाम आर्थिक चुनौतियों के बीच वर्ष 2020 के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों का कारोबार 38 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 10:59 AM (IST)
Corona Effect :  काेराेना काल में E-commerce कंपनियों का बढ़ा रोजगार, सिकुडऩे लगा परंपरागत बाजार
काेराेना संकट के दाैरान देश में ई-कॉमर्स कंपनियों में राेजगार बढ़ा है। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [राजीव शर्मा] ई-कॉमर्स कंपनियों ने मेट्रो एवं बड़े शहरों में पैठ बनाने के बाद अब टीयर-2 एवं टीयर-3 शहरों में फोकस किया है। डिजिटल युग में बदलते परिवेश के दौरान ग्राहकों के शॉपिंग के तौर तरीके भी बदल रहे हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में अब वक्त की कमी के कारण ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी को तवज्जो दे रहे हैं।

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इसी ट्रेंड के चलते ही ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार को पंख लग रहे हैं। इस बदलते ट्रेंड से कहीं न कहीं परंपरागत बाजार सिकुड़ रहा है। वक्त की नजाकत को भांपते हुए अब रिटेल कारोबारियों के अलावा प्रोग्रेसिव किसान भी अपने बिजनेस को ऑनलाइन ले जा रहे हैं। साफ है कि आने वाले वक्त में ज्यों-ज्यों इंटरनेट का विस्तार होता जाएगा, ऑनलाइन बिजनेस का दायरा बढ़ता ही जाएगा।


छह करोड़ से अब साढ़े अठारह करोड़ हो गए खरीदार
आंकड़े बताते हैं कि 2015 में ऑनलाइन खरीदारों की संख्या देश में छह करोड़ थी। अब यह संख्या लगभग साढ़े अठारह करोड़ हो गई है। कोरोना काल के दौरान तमाम आर्थिक चुनौतियों के बीच वर्ष 2020 के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों का कारोबार 38 अरब डॉलर होने का अनुमान है। सिर्फ फेस्टिवल सीजन के दौरान ही ई-कॉमर्स कंपनियों का बिजनेस सात अरब डॉलर के करीब हो सकता है। दिग्गज ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनियों के अलावा छोटे-छोटे स्टॉर्टअप, किसान, छोटे कारोबारी भी अपने बिजनेस को ऑनलाइन ही बढ़ा रहे हैं। 

एप के जरिये अंडों की शहरों में कर रहे सप्लाई


प्रमुख जिमींदार, किसान एवं रतन पोल्ट्रीज के एमडी राहुल सिद्धू ने अपने फार्म में तैयार अंडों को बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म को चुना। उन्होंने एक एप बनाई। उसके जरिए लुधियाना, चंडीगढ़, पटियाला, पंचकूला, मोहाली, डेराबस्सी इत्यादि शहरों को कवर किया है। शीघ्र ही जालंधर एवं अमृतसर में भी अंडों की ऑनलाइन रिटेल शुरू करने जा रहे हैं। आज उनके साथ बीस हजार से अधिक परिवार ऑनलाइन जुड़े हैं। प्ले स्टोर से उनकी एप को डाउनलोड करके अंडों की घर में ही ऑनलाइन डिलीवरी ली जा सकती है। इस रिस्पांस से उत्साहित राहुल अब ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर खोलने जा रहे हैं। इसके लिए बकायदा होम वर्क किया जा रहा है।

किसान दविंदर सिंह अब ऑनलाइन बेचेंगे सब्जी 


सब्जी की मॉडर्न खेती करने वाले किसान दविंदर सिंह भी अब सब्जी की रिटेलिंग के लिए ऑन लाइन सिस्टम को ही अपनाने जा रहे हैं। दविंदर का कहना है कि वे फार्म से ही ताजी एवं आर्गेनिक सब्जी सीधे ग्राहक की किचन तक पहुंचाएंगे। बीच के सभी बिचौलियों की जरूरत नहीं होगा। इससे जहां ग्राहक को उम्दा सब्जी सस्ती कीमत पर मिलेगी, वहीं किसान को भी उसकी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा। उनका कहना है कि मॉडर्न युग में कारगर मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन आना ही होगा।

ऑनलाइन बाजार से छोटे दुकानदार संकट में 


पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव महेंद्र अग्रवाल का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग ने परंपरागत बाजार पर बड़ी चोट की है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं गारमेंट सेक्टर का करीब 35 फीसद तक ऑनलाइन शिफ्ट हो गया है, जबकि ग्रॉसरी का 20 फीसद तक। खासकर छोटे दुकानदारों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। अब बाजार में अपना अस्तित्व बचाने के लिए रिटेलर भी ऑनलाइन प्लेटफार्म को चुन रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि व्यापार मंडल ने सरकार से आग्रह किया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को भी अधिकतम समर्थन मूल्य (एमआरपी) पर सामान बेचने की शर्त लागू की जाए। यदि सरकार ने परंपरागत बाजार के हितों की रक्षा न की तो यह और सिकुड़ जाएगा।

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