बिना विश्वास के भजन करना प्राणहीन: स्वामी देवेश्वानंद
वेद मंदिर प्रांगण में वेदाचार्य स्वामी निगम बोध तीर्थ की अध्यक्षता में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा जारी है।
संस, लुधियाना : भारत धर्म प्रचारक मंडल की ओर से वेद मंदिर प्रांगण में वेदाचार्य स्वामी निगम बोध तीर्थ की अध्यक्षता में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा जारी है। शनिवार को स्वामी देवेश्वानंद तीर्थ ने कहा कि ठाकुर की आज्ञा में रहना ही सबसे बड़ी सेवा है।
कथा प्रभु कृपा से प्राप्त होती है। बिना विश्वास के भजन प्राणहीन हो जाता है। भगवान से यदि प्रेम है तो परीक्षा नहीं, प्रतीक्षा होनी चाहिए। जो शारीरिक रोगी होते हैं उन्हें अस्पताल से आराम आता है जो मानसिक रोगी होते हैं उन्हें कथा में आराम मिलता है। स्वामी निगम बोध तीर्थ ने कहा कि जीवन जीने के लिए भोजन जरूरी है, भोजन से भी ज्यादा जरूरी पानी है, पानी से भी ज्यादा वायु जरूरी है और वायु से भी ज्यादा जरूरी है जितनी आयु मिली है उसे जीवंततापूर्वक जीना। आजकल के आपाधापी भरे जीवन में कभी भी दिमाग की नस फटने, दिल की धड़कन रुकने मात्र से आदमी की मृत्यु हो जाती है, लेकिन वास्तविक रूप से उसकी मृत्यु तो तभी हो जाती है जिस दिन उसके अंदर से जीने का उत्साह, ललक और उम्मीद मर जाती है।
आजकल की समस्याओं के बीच जिदगी जीना विमान से बिना पैराशूट के कूदने जैसा साहस भरा काम है लेकिन जिसे जीना आता हो, उसे कोई मार नहीं सकता। इस अवसर पर विश्न सरुप चोपड़ा, शिवराम, मोहनी भार्गव, जगदीश शर्मा, बिट्टू प्रभाकर, चिरंजी लाल शर्मा, राम रत्न शर्मा, हरिओम सहगल, विक्की गुगलानी, पं. दीप वशिष्ठ, प्रदीप कालिया, बलदेव चोपड़ा, दिनेश टंडन, राजिंद्र कपूर, सतीश अरोड़ा, नरेश शर्मा, विनोद सहगल आदि शामिल थे।