टोल बैरियर पर पहुंचने से पहले ही हैंडी मशीन के जरिए वाहन चालकों से ली जा रही फीस
मंगलवार को लाडोवाल टोल प्लाजा पर ट्रैफिक सामान्य रूप से निकलता नजर आया।
राजेश शर्मा लुधियाना
मंगलवार को लाडोवाल टोल प्लाजा पर ट्रैफिक सामान्य रूप से निकलता नजर आया। 15 दिसंबर से लागू फास्टैग के कारण लाडोवाल टोल प्लाजा पर दस में से सिर्फ तीन लेन ही कैश एंट्री के लिए रखी गई हैं। टोल प्लाजा से प्रतिदिन गुजरने वाले लगभग चालीस हजार वाहनों में से अभी सिर्फ तीस प्रतिशत वाहन ही फास्टैगयुक्त हैं। ऐसे में बाकी 70 प्रतिशत वाहनों की निकासी तीन टोल गेट के जरिए ही होती है। वहां जाम न लगे, इस कारण टोल प्रबंधन ने हैंडी मशीनों की व्यवस्था की है। कतार में लगे वाहनों के टोल बैरियर तक पहुंचने से पहले ही ऑपरेटर हैंडी मशीन लेकर वाहन चालक से शुल्क लेकर उसे रसीद थमा देते हैं। ऐसे में एक साथ कई वाहन टोल गेट से निकलने से जाम की स्थिति नहीं बनी। टोल प्लाजा पर फास्टैग आवेदकों में आई कमी
रविवार और सोमवार को लाडोवाल टोल प्लाजा पर लगे एयरटेल, एसबीआइ, पेटीएम व एनएचएआइ के फास्टैग काउंटर पर आवेदकों की संख्या में कमी नजर आई। एनएचएआइ के काउंटर पर इक्का-दुक्का ही आवेदक दिखे। वजह पूछी तो आवेदक ने बताया कि इस काउंटर पर गाड़ी साथ लाने की शर्त रखी गई है जबकि बाकी काउंटर्स पर सिर्फ आरसी व आधार कार्ड लेकर ही फास्टैग जारी किया जा रहा है। ध्यान से पढे़ं : अधिसूचना में ये लिखा
टोल डिवाइस फास्टैग स्कैन न करे तो बिना फीस दिए जा सकेंगे आप
आपकी गाड़ी पर लगा फास्टैग बैंलेस सहित वर्किग में है लेकिन टोलप्लाजा डिवाइस खराबी की वजह से वह उसे स्कैन नहीं कर पा रहा है तो आप निशुल्क टोल पार कर सकते हैं। वाहन निकालते समय टोल प्लाजा की ओर से जीरो शुल्क की पर्ची भी जारी की जाएगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 7 मई 2018 को जारी अधिसूचना में यह जानकारी स्पष्ट तौर पर दर्ज है। टोल अधिकारी ने किया इससे इंकार
इधर, डीजीएम ऑपरेशन टोल नीमेश तिवारी की प्रतिक्रिया इस अधिसूचना के विपरीत है। तिवारी का कहना है कि अगर फास्टैग स्कैन नहीं हो रहा है तो टोल पर इसके अलावा कई ऑप्शंस भी हैं। मसलन हैंडी मशीन से स्कैन का प्रयास होगा, अगर वह भी कामयाब नहीं होता तो वाहन को दूसरी लेन में भेजकर स्कैन करवाई जाएगी। फास्टैग के लिए इन बातों का रखें ध्यान
-- फास्टैग को गाड़ी की फ्रंट स्क्रीन पर सेंटर में लगाएं ताकि टोल पर लगे स्कैनर को दिक्कत न आए।
-- फास्टैग पर स्क्रैच न पड़ने दें और धूल न जमने दें।
-- रात को टोल क्रॉस कर रहे हैं तो गाड़ी के अंदर की लाइट ऑन कर दें ताकि स्कैनर आसानी से फास्टैग को स्कैन कर सके।
-- गाड़ी को बेचने से पहले फास्टैग स्टिकर उतार लें।
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एक टोल से अगर 15-20 हजार वाहन गुजर रहे है तो दो-चार वाहनों की फास्टैग स्कैन में दिक्कत आनी कोई बड़ी बात नहीं है। इनमें अधिकतर मामलों में या तो फास्टैग पर स्क्रैच होते हैं या फिर किसी और वजह से फास्टैग स्टिकर में खराबी होती है। डिवाइस काम न करे तो टोल पर कई और ऑप्शंस हैं। टोल गेट स्कैनर काम नहीं करेगा तो हैंडी मशीन से स्कैन की जाएगी। अगर वह भी फेल हो जाए तो वाहन को दूसरी लेन से गुजारा जाएगा।
-नीमेश तिवारी डीजीएम टोल ऑपरेशन