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पहली पीढ़ी ने तलाशा रोजगार, दूसरी पीढ़ी ने हर क्षेत्र में हासिल की कामयाबी

साठ दशक के अंतिम वर्षो में हिमाचली परिवार रोजी-रोटी की तलाश में लुधियाना पहुंचे। इनमें से अधिकतर ने अपना ठिकाना ढोलेवाल इलाके के प्रभात नगर हैबोवाल व सुभाष नगर को बनाया है।

By Edited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 02:11 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 03:02 AM (IST)
पहली पीढ़ी ने तलाशा रोजगार, दूसरी पीढ़ी ने हर क्षेत्र में हासिल की कामयाबी
पहली पीढ़ी ने तलाशा रोजगार, दूसरी पीढ़ी ने हर क्षेत्र में हासिल की कामयाबी

लुधियाना, [राजेश शर्मा]। साठ दशक के अंतिम वर्षो में बड़ी संख्या में हिमाचली परिवार रोजी-रोटी की तलाश में लुधियाना पहुंचे। इनमें से अधिकतर ने अपना ठिकाना ढोलेवाल इलाके के प्रभात नगर, हैबोवाल व सुभाष नगर को बनाया है। पहली पीढ़ी ने अपना रोजगार जमाया तो दूसरी पीढ़ी ने शिक्षित हो हर क्षेत्र में कामयाबी की बुलंदियों को छू लिया। 1965 में हिमाचल के ऊना से काम की तलाश में आए 75 वर्षीय राजिंदर शर्मा बताते हैं कि प्रभात नगर में जब आकर बसे तो तब यह शहर का बाहरी इलाका था। पहले से बस चुके शहर में जमीन की कीमत अधिक थी। प्रभात नगर में तब 13 रुपये गज के हिसाब से 210 गज जमीन लेकर घर बसा लिया।

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1978 में पांच सौ गज में बनवाया हिमाचल भवन

1970 में बनी हिमाचल प्रांतीय सभा के दस संस्थापक सदस्यों में से एक राजिंदर शर्मा बताते हैं कि धीरे-धीरे और लोग हिमाचल से आकर प्रभात नगर में बसने लगे। तब महसूस हुआ कि हिमाचल से आए लोगों को संगठित होना चाहिए। इससे एक तो आपसी मेलझोल बढ़ेगा दूसरा कोई व्यक्ति शोषण नहीं कर पाएगा। इसके चलते 1970 में हिमाचल प्रांतीय सभा का गठन किया गया। संस्था का प्रचार प्रसार बढ़ा तो विचार आया कि हिमाचल भवन का निर्माण करवाया जाए। 1978 में तीस रुपये प्रति गज के हिसाब से पांच सौ गज जमीन खरीदी गई। आज यह हिमाचल भवन इस इलाके की पहचान बन चुका है। इसी में श्री राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण हुआ जिसमें पिछले 15 वर्षो से अखंड ज्योति प्रज्वलित है। हिमाचल प्रांतीय सभा का विस्तार हुआ और शहर के विभिन्न भागों में उसके सात मंडल बना दिए गए।

छह गज जमीन खरीद करवा दिया मंदिर व धर्मशाला का निर्मा

हैबोवाल का इलाका बड़ी संख्या में हिमाचल से आकर बसने वाले लोगों के लिए जाना जाता है। बैंक कालोनी में हिमाचल जनहित सभा ने छह गज जमीन खरीदकर इसमें 150 गज में मंदिर का निर्माण करवाया तो बाकी की 450 गज भूमि में धर्मशाला का निर्माण चल रहा है। जनहित सभा के प्रधान विजय ठाकुर बताते हैं कि संस्था के इस लोकहित कार्य के लिए फंड की कमी आड़े आ रही है। इसके लिए प्रशासन, सांसद व कैबिनेट मंत्री से संपर्क किया जा रहा है ताकि उनके अख्तियारी कोटे से धर्मशाला का निर्माण पूरा किया जा सके।

डाबा रोड पर किया गया मिनी हिमाचल भवन का निर्माण

डाबा रोड पर सौ गज में मिनी हिमाचल भवन का निर्माण किया गया है। प्रबंधन कमेटी अध्यक्ष महेश शर्मा की देखरेख मे चलने वाले इस भवन में दो बड़े हाल का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें जरूरतमंद परिवारों की लड़कियों की शादी संस्था अपने खर्च पर करवाती है। निशुल्क मेडिकल कैंप व धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला भी निरंतर जारी है। प्रबंधन टीम के राजिंदर वर्मा, संजीव शर्मा, अजय शर्मा, विनोद शर्मा, विजय शर्मा व सुरिंदर कुमार का सहयोग इन कार्यक्रमों में रहता है।

मुंबई की तर्ज पर किया जाएगा विशाल हिमाचल भवन का निर्माण

हिमाचल से जुड़े कई संगठन मिलकर लुधियाना में विशाल हिमाचल भवन बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कारोबारी अनिल ठाकुर व शिक्षक राजेश भारद्वाज बताते हैं कि उनका प्रयास है कि मुंबई की तर्ज पर ऐसा विशाल हिमाचल भवन बनाया जाए, जिसमें ठहरने के लिए एसी रूम की व्यवस्था के साथ-साथ आयोजनों के लिए बढि़या व्यवस्था हो। इसके लिए डीएमसी के आसपास जगह तलाशी जा रही है। कारोबारी अनिल ठाकुर ने इसके लिए अपने तौर पर 11 लाख रुपये अनुदान देने की भी घोषणा कर रखी है।

भारद्वाज ने डीएमसी आने वाले हिमाचलियों के लिए घर में दो कमरे रखे

रिजर्व ऋषि नगर निवासी व शहर के जाने-माने स्कूल बीवीएम के वाइस प्रिंसिपल राजेश भारद्वाज का तो हिमाचल प्रेम इतना है कि उन्होंने अपने घर के दो कमरे ही हिमाचल से आने वाले अनजान मेहमानों के लिए रिजर्व रख दिए हैं। भारद्वाज बताते हैं कि हिमाचल से बड़ी संख्या में लोग डीएमसी में इलाज करवाने के लिए आते हैं। उन में से बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिनका कोई लुधियाना में रहता ही नहीं। ऐसे लोगो के लिए घर में दो कमरे रखे हैं। वहां उनके रुकने के साथ-साथ खानपान की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध करवाई गई है।

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