31 मार्च से पहले खरीदनी होगी 50 एकड़ जमीन, नहीं तो छिन जाएगा वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट Ludhiana News
प्रोजेक्ट की रूपरेखा संबंधी नगर निगम जोन डी में वर्ल्ड बैंक की तीन सदस्यीय टीम के साथ मेयर सीनियर डिप्टी मेयर एडिशनल कमिश्नर संयम अग्रवाल की तीन घंटे तक बैठक चली।
लुधियाना, [राजेश शर्मा]। नहरी पानी से घरों में पानी की सप्लाई के लिए अगर नगर निगम ने सक्रियता न दिखाई तो वर्ल्ड बैंक के सहयोग से लगने वाला यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ सकता है। इसे फिर किसी और शहर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। 3200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की रूपरेखा संबंधी नगर निगम जोन डी में वर्ल्ड बैंक की तीन सदस्यीय टीम के साथ मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, एडिशनल कमिश्नर संयम अग्रवाल की तीन घंटे तक बैठक चली।
मीटिंग में वर्ल्ड बैंक की टीम ने साफ कर दिया कि नियम के तहत 31 मार्च तक नगर निगम नहरी पानी को साफ करने के लिए लगाए जाने वाले प्रोजेक्ट के लिए अगर 50 एकड़ जमीन नहीं खरीद पाया तो यह प्रोजेक्ट किसी और शहर में शिफ्ट हो जाएगा। इसके अलावा प्रोजेक्ट संबंधी कई अहम फैसले भी मीटिंग में लिए गए। मेयर ने वर्ल्ड बैंक टीम को आश्वासन दिया कि 31 मार्च से पहले जमीन खरीद की प्रक्रिया हर हाल में पूरी कर ली जाएगी।
बिलासपुर, बुनियाना और रामपुर की पंचायतों से भूमि खरीद की बात नहरी पानी को साफ करने के लिए एक बड़ा फिल्टर प्लांट लगाया जाना है। इसके लिए 50 एकड़ जमीन की जरूरत है। इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम द्वारा की गई कसरत में तीन गांवों की पंचायतों से भूमि संबंधी बात लगभग फाइनल दौर में है। बिलासपुर, बुनियाना और रामपुर में से सबसे कम कीमत रामपुर पंचायत ने मांगी है। जानकार मानते हैं कि अगर फाइनल दौर में बाकी दोनों पंचायतों ने जमीन की कीमत कम न की तो रामपुर की पंचायत के साथ डील फाइनल हो सकती है।
मेयर ही होंगे कमेटी के चेयरमैन, तीन पार्षदों की भी होगी शमूलियत
प्रोजेक्ट की देखरेख के लिए बनी कमेटी में चेयरमैन कौन हो, इस पर पेंच फंसा हुआ था। चंडीगढ़ से किसी वरिष्ठ अधिकारी को चेयरमैन बनाने की बात चल रही थी, लेकिन गतिरोध पर आखिरकार विराम लग ही गया। तय हुआ कि वर्तमान मेयर ही कमेटी के चेयरमैन होंगे। चूंकि प्रोजेक्ट सात वर्ष में पूरा होना है इसलिए तय किया गया कि जो भी मेयर होंगे, वह कमेटी के चेयरमैन बनाए जाएंगे। इनके अलावा कमेटी में तीन पार्षदों की शमूलियत पर भी सहमति बनी।
दो चरण में पूरा होगा प्रोजेक्ट
- 3200 करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट -07 वर्ष में इस परियोजना को करना होगा पूरा
- 159 किलोमीटर शहरी एरिया में पेयजल सप्लाई होगी।
पहला चरण
- नहरी पानी को फिल्टर प्लांट में साफ करके 122 टंकियों में पहुंचाया जाएगा।
- इस चरण को पूरा करने के लिए तीन वर्ष की समयसीमा रखी गई है।
- इस समयावधि में 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
दूसरा चरण
- इसमें टंकियों के माध्यम से नए पाइप डालकर पानी को घरों और अन्य परिसरों तक पहुंचाया जाएगा।
- अगले साल में इस इस प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया जाएगा।
- दूसरे चरण में 2200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
टंकियों की स्थिति
शहर में अभी नगर निगम की 60 और अन्य विभागों की 16 पानी की टंकियां मौजूद हैं। नगर निगम को 46 नई टंकियों का निर्माण करना होगा। इनके माध्यम से शहर के 159 किलोमीटर एरिया में पेयजल सप्लाई होगी।
3200 करोड़ के फंड में कौन कितना देगा
- 70 प्रतिशत वर्ल्ड बैंक से मिलेगा
- 15 प्रतिशत फंड पंजाब सरकार देगी
- 15 प्रतिशत पैसे का निगम करेगा भुगतान
कमेटी करेगी प्रोजेक्ट की देखरेख
प्रोजेक्ट की देखरेख व आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए नगर निगम को कंपनी बनानी होगी। इसके चेयरमैन बलकार सिंह संधू होंगे। तीन पार्षदों, विशेषज्ञों व वरिष्ठ अधिकारियों की शमूलियत वाली इस कमेटी को विशेष अधिकार दिए जाएंगे ताकि तय समयसीमा के भीतर प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।
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