एसएचओ की रिवीजन पटीशन पर सुनवाई छह तक टली
थाना डिवीजन पांच पुलिस की एसएचओ रिचा रानी की तरफ से थाने में मारपीट के बाद जेल में दम तोड़ने वाले दीपक शुक्ला मामले में लगाई रिवीजन पटीशन पर बहस पूरी नहीं हो सकी।
संवाद सहयोगी, लुधियाना : थाना डिवीजन पांच पुलिस की एसएचओ रिचा रानी की तरफ से थाने में मारपीट के बाद जेल में दम तोड़ने वाले दीपक शुक्ला मामले में लगाई रिवीजन पटीशन पर बहस पूरी नहीं हो सकी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई छह अगस्त के लिए टाल दी। पुलिस कस्टडी के दौरान चोरी के आरोप में पकड़े दीपक शुक्ला से मारपीट के आरोपों के चलते स्थानीय अतिरिक्त चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने छह मार्च को शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर को मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। काफी समय बीतने के बावजूद केस दर्ज नहीं करने पर पीड़ित परिवार द्वारा पुन: अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। इस पर अदालत ने पुलिस कमिश्नर को चेतावनी दी थी। इसी बीच रिचा रानी द्वारा अतिरिक्त चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा मामला दर्ज करने के आदेश को स्थानीय सेशन कोर्ट में चुनौती दी गई। इसके चलते सेशन कोर्ट द्वारा यह मामला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल की अदालत में भेजा था। रिचा रानी के वकील ने बताया कि मामले में अदालत द्वारा बार-बार समन भेजने के बावजूद पीड़ित परिवार की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। दूसरी ओर, पीड़ित परिवार द्वारा मामला दर्ज करवाने के लिए दबाव बनाया जाता रहा। उन्होंने बताया कि इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा 25 जून को अतिरिक्त चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के आदेशों के विरुद्ध अंतरिम स्थगना आदेश जारी कर दिया था। इसमें पीड़ित पक्ष की ओर से वकील अदालत में पेश हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि चोरी के आरोप में गिरफ्तार दीपक शुक्ला का अदालत द्वारा ज्यूडिशियल रिमांड दिया था। लेकिन बावजूद इसके आरोपित को जेल में न पहुंचा कर थाने में रखा था। अगले दिन जेल प्रशासन को सौंपा। बाद में दीपक शुक्ला की जेल में ही मृत्यु हो गई थी। इसके बाद दीपक शुक्ला के परिजनों ने आरोप लगाया था कि रिचा रानी व अन्य पुलिस अधिकारियों ने दीपक शुक्ला को थाने में रखकर थर्ड डिग्री टॉर्चर करते हुए मारपीट की।