CM भगवंत मान के आवास पर हल्ला बोल रैली, सरपंचाें और पंचाें ने धरना लगाया; सरकार काे दिया अल्टीमेटम
राज्य के पंचाें और सरपंचाें ने मंगलवार काे पंजाब के सीएम भगवंत मान के आवास के बाहर प्रदर्शिन किया। पुलिस बल द्वारा रोके जाने के बाद सरपंचों ने मेन रोड पर धरना लगाकर सरकार खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
जागरण संवाददाता, संगरूर। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा राज्य की ग्राम पंचायतों के नुमाइंदे सरपंच-पंचों की मांगों को पूरा न करने तथा सरपंच-पंचों से किए वादे से मुकरने के रोष में मंगलवार को राज्य भर से संगरूर में जमा हुए सैकड़ों की गिनती में सरपंचों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के समक्ष सरकार खिलाफ जबरदस्त रोष प्रदर्शन किया। इससे पहले पंजाब पंचायत यूनियन की अगुआई में समूह सरपंच बठिंडा-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर मौजूद फ्लाई ओवर के नीचे जमा हुए व विशाल काफिले के रूप में सरकार विरुद्ध नारेबाजी करते हुए सीएम आवास पर पहुंची, जहां पुलिस ने लोहे के ऊंचे ऊंचे बैरिकेट लगाकर उन्हें रोक लिया।
पुलिस बल द्वारा रोके जाने के बाद सरपंचों ने मेन रोड पर धरना लगाकर सरकार खिलाफ भड़ास निकाली। करीब एक घंटा चक्का जाम करने के बाद प्रशासन ने छह अक्टूबर को मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान से मुलाकात का समय तय करवाया। जिसके बाद सरपंचों ने एलान किया कि यदि छह अक्टूबर की बैठक में उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो पंजाब स्तर पर समूह सरपंच जमीनी स्तर पर हर कामकाज बंद करेंगे व पक्का मोर्चा लगाने को मजबूर होंगे।
पंजाब पंचायत यूनियन के राज्य प्रधान रविंदर सिंह रिंकू, महासचिव लवजीत सिंह, जिला प्रधान बरनाला सतनाम सिंह, संगरूर प्रधान जसवीर सिंह जस्सी, किरणजीत सिंह, जिला प्रधान मानसा चरणजीत सिंह ने बताया कि पिछली सरकारों की तरह पंजाब की नई सरकार भी पंचायतों की मांगों को अनदेखा कर रही है। पिछले साढ़े तीन वर्षों से सरपंच को 1200, पंच को 1000 रुपये मिलने वाला मानभत्ता जारी नहीं हुआ है। वर्ष 2013 में मान भत्ता लागू किया गया था।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव से पहले सरपंचों को 25 हजार व पंच को 10 हजार रुपये मानभत्ता देने का वादा किया था, लेकिन अब छह माह का समय गुजरने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया। संसदीय कार्यकाल दौरान भगवंत मान ने सर्वसम्मति से चुनी जाने वाली पंचायतों को पांच लाख का फंड लेने का एलान किया था, लेकिन अब मुख्यमंंत्री बनने पर भी यह राशि जारी नहीं की। सरकार सरपंच-पंचों को सम्मान देने की बजाए, विजिलेंस जांच का डर दिखा रही है।
यूनियन की तरफ से कई बार मांगों संबंधी पंचायत मंत्री, वित्त मंत्री व शिक्षा मंत्री के जरिए मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान से मुलाकात का समय मांगा जा चुका है। इस संबंधी पत्र देने के बावजूद बैठक नहीं करवाई इससे प्रत्येक गांव का सरपंच खुद को ठगा महसूस कर रहा है। मजबूर होकर उन्हें धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं। आज का धरना एक संकेतक धरना था, यदि फिर भी सरकार ने बैठक करके यूनियन का हल न किया तो आने वाले समय में बड़ा संघर्ष शुरु किया जाएगा।
यह हैं मांगें
साढ़े तीन वर्ष का मान भत्ता जारी करने, विकास कार्यों में इस्तेमाल होने वाला रेत, बजरी, सीमिंट, लेबर व मिस्त्री तथा अन्य सभी चीजें डीसी रेट पर मुहैया करवाने, ब्लाक स्तर पर एसडीओ की पोस्टरें पूरी करने, पंचायतों को जीएसटी से राहत देने, सेकेटरी वेजिज तीस फीसदी से कम करके दस फीसदी करने, पंचायतों को पांच लाख रुपये तक की मिट्टी डलवाने की इजाजत देने, पंचायती जमीनों को सुधारने या खेती योग्य बनाने का अधिकार बिना प्रधानगी पंचायतों को देने, वार्षिक आडिट में कमी पाए जाने पर सरपंच के साथ सचिव, जेई व बीडीपीओ पर बराबर का जवाबदेह तय करने, मनरेगा की पेमेंट पचास फीसदी काम शुरू होने से पहले देने, बाकी काम मुकम्मल होने पर पेमेंट निर्धारित समय में देने, सरपंच को 25 हजार व पंच को 10 हजार रुपये मानभत्ता जारी करने का वादा पूरा करने, सरकारी दफ्तर में पार्किंग फीस, टोल प्लाजा की फीस मुकम्मल तौर पर माफ करने, सरपंचों को चेक काटने का अधिकार 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने की मांग की।