पंजाब में नदीननाशक ग्लाइफोसेट कीटनाशक की बिक्री पर पाबंदी
ंजाब सरकार ने प्रदेश में ग्लाइफोसेट की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। राज्य में लगभग सभी फसलों के विभिन्न किस्मों के घास को नष्ट करने के लिए इसका प्रयोग बड़े स्तर पर किया जाता है। यह भी देखा गया है यह रसायन ग्रुप 2ए कैंसर का कारण बन सकता है और पीजीआइ चंडीगढ़ के विशेषज्ञों की राय अनुसार यह रसायन कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों का कारण बनने के लिए भी जाना जाता है।
जासं, लुधियाना : पंजाब सरकार ने प्रदेश में ग्लाइफोसेट की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। राज्य में लगभग सभी फसलों के विभिन्न किस्मों के घास को नष्ट करने के लिए इसका प्रयोग बड़े स्तर पर किया जाता है। यह भी देखा गया है यह रसायन ग्रुप 2ए कैंसर का कारण बन सकता है और पीजीआइ चंडीगढ़ के विशेषज्ञों की राय अनुसार यह रसायन कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों का कारण बनने के लिए भी जाना जाता है। यहा तक कि मानवीय डीएनए को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ग्लाइफोसेट नदीननाशक देश में राउंड अप, एक्सल, ग्लाइसेल, ग्लाइडर, ग्लाइडोन, स्वीप, ग्लाइफोगन आदि नामों के तहत बेचा जाता है। पंजाब राज्य किसान आयोग ने भी प्रदेश में इस रसायन की बिक्री पर रोक लगाने की सिफारिश की थी।
राज्य के कृषि सचिव केएस पन्नू द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि भारत सरकार के सेंट्रल इन्सेक्टीसाइड बोर्ड एंड रजिस्ट्रेशन समिति ने भी इस नदीननाशक का प्रयोग सिर्फ चाय के बागों और गैर कृषि क्षेत्र के लिए करने की सिफारिश की है। इसी वजह से इन्सेक्टीसाइड बोर्ड एंड रजिस्ट्रेशन समिति की शर्तो के मुताबिक ग्लाइफोसेट के मौजूदा लेबल की सख्ती के साथ पालन किए जाने की जरूरत है। पन्नू ने आगे बताया कि पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में कीटनाशकों के निर्माता, विक्रेता और डीलर तुरंत प्रभाव के साथ ग्लाइफोसेट से बनने वाले नदीननाशकों की बिक्री नहीं करेंगे। लाइसेंस अथॉरिटी को भी कहा गया कि उनकी तरफ से जारी किए गए लाइसेंसों में ग्लाइफोसेट संबंधित विवरण हटाने के लिए कदम उठाए जाएं। इसके अलावा राज्य के सभी निर्माता, विक्रेताओं और डीलरों को हर स्तर पर ग्लाइफोसेट की बनावट के साथ तैयार होने वाले नदीननाशक की बिक्री तुरंत बंद करने के आदेश दिए हैं। इसका बचा हुआ सारा स्टॉक संबंधित कंपनियों को वापस किया जाए।