Halwara Airport : जमीन के रेट के लिए अब नए नोटिफिकेशन का इंतजार
हलवारा में अधिगृहीत की जाने वाली जमीन के रेट को लेकर ग्रामीणों और ग्लाडा में सहमति नहीं बन पाई।
लुधियाना, जेएनएन। हलवारा में बनने वाले एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए अधिगृहीत की जाने वाली जमीन के रेट को लेकर ग्रामीणों और ग्रेटर लुधियाना एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) के बीच बैठक में सहमति नहीं बन पाई। ग्रामीण एक से डेढ़ करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से कीमत मांग रहे हैं जबकि सरकार उन्हें इतने रुपये देने को तैयार नहीं है। सरकार अब भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 की धारा 26 के तहत नोटिफिकेशन जारी कर किसानों को जमीन का रेट बताएगी और उसके हिसाब से भूमि अधिग्रहण करेगी।
उधर, ग्रामीणों को अब सरकार के नए नोटिफिकेशन का इंतजार है। ग्रामीण ने बैठक में ही अफसरों को दो टूक कह दिया था कि अगर सरकार ने उनके हिसाब से जमीन की कीमत नहीं दी तो वह अपनी जमीन नहीं देंगे। 10 जनवरी को हुई बैठक में ग्लाडा और ग्रामीणों को आपसी सहमति से जमीन का रेट तय करना था और उसके बाद ग्लाडा को नोटिफिकेशन जारी करना था। ग्रामीणों का विरोध भांपते हुए अफसरों ने मीटिंग में सिर्फ ग्रामीणों से ही जमीन के रेट मांगे। ग्लाडा जमीन के रेट तय कर चुका है, लेकिन ग्रामीण जो रेट मांग रहे हैं उससे तय रेट बेहद कम है।
विरोध न हो इसके लिए ग्लाडा अफसर फाइनल रेट की घोषणा करने से पहले फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। ग्लाडा अब अगले कुछ दिनों में सेक्शन 26 के तहत रेट निर्धारित करके नोटिफिकेशन जारी करेगा और उसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। ग्लाडा के एसीए कम भूमि अधिग्रहण अधिकारी भूपिंदर सिंह का कहना है कि ग्रामीणों की डिमांड सरकार के पास भेज दी है। जमीन के रेट सेक्शन 26 के तहत तय किए जाएंगे और उसके हिसाब से भूमि मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा।
पिछले तीन साल में बिकी जमीनों की कीमतों के आधार पर होगा रेट तय
सेक्शन 26 के तहत रेट तय करने के लिए ग्लाडा को एतियाणा गांव या आस-पास के गांवों में पिछले तीन साल में हुई रजिस्ट्रियों की जांच की जानी है। उसमें से आधी उन जमीनों का रेट निकाला जाएगा जो कि सबसे महंगी बिकी हों। उसके बाद औसत रेट निकाला जाएगा। जो औसत रेट होगा उस रेट के करीब ढाई गुना राशि भूमि मालिकों को दी जाएगी। ग्लाडा अफसर भूमि मालिकों के सामने अभी यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि एतियाणा गांव की जमीन का औसत रेट क्या निकला है। अगर ग्लाडा औसत रेट बताता है तो उससे जमीन का रेट निर्धारित किया जा सकता है। गांव वालों की मानें तो डीसी ने उन्हें एक बार बैठक में बताया था कि वहां पर जमीन का औसत रेट सात लाख रुपये के करीब है।
गांव के सरपंच लखबीर सिंह का कहना है कि अफसरों के सामने ग्रामीणों ने एक से डेढ़ करोड़ रुपये प्रति एकड़ कीमत रखी है। अब ग्रामीण सेक्शन 26 का इंतजार कर रहे हैं। डीसी ने बैठक में जो औसत रेट बताया था उसके हिसाब से प्रति एकड़ जमीन की कीमत बहुत कम बनती है। जिस पर किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं।