Move to Jagran APP

ग्लाडा खंगाल रहा अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड, प्लॉट खरीदा तो नहीं होगी रजिस्ट्री Ludhiana News

ग्लाडा अफसरों की मानें तो पिछले दो हफ्ते में डीसी को छह कॉलोनियों के खसरा नंबर भेजकर रजिस्ट्री न करवाने को लिखा जा चुका है।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 03:27 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 09:21 AM (IST)
ग्लाडा खंगाल रहा अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड, प्लॉट खरीदा तो नहीं होगी रजिस्ट्री Ludhiana News
ग्लाडा खंगाल रहा अवैध कॉलोनियों का रिकॉर्ड, प्लॉट खरीदा तो नहीं होगी रजिस्ट्री Ludhiana News

लुधियाना, [राजेश भट्ट]। नगर निगम लिमिट से बाहर अगर आप किसी कॉलोनी में प्लॉट खरीदने या घर बनाने की सोच रहे हैं तो सचेत हो जाइए। कहीं ऐसा न हो कि कॉलोनाइजर आप से मोटी रकम ले ले और जब रजिस्ट्री करवाने की बारी आए तो बहाने बनाने लगे। इसलिए प्लॉट खरीदने से पहले कॉलोनी का पक्का रजिस्ट्रेशन नंबर जरूर देख लें।

loksabha election banner

दरअसल ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) अब अवैध कॉलोनियों का रिकार्ड खंगालने में जुट गया है। जैसे-जैसे रेवेन्यू रिकॉर्ड व खसरा नंबर ग्लाडा अफसरों के हाथ लग रहे हैं, वैसे-वैसे ग्लाडा अफसर डिप्टी कमिश्नर को खसरा नंबर लिखकर भेज रहे हैं और उन खसरा नंबरों की रजिस्ट्री न करवाने के लिए लिख रहे हैं। ग्लाडा अफसरों की मानें तो पिछले दो हफ्ते में डीसी को छह कॉलोनियों के खसरा नंबर भेजकर रजिस्ट्री न करवाने को लिखा जा चुका है।

लुधियाना नगर लिमिट के आसपास के क्षेत्र में कॉलोनाइजर लगातार अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं, जबकि सरकार मार्च 2018 के बाद अवैध कॉलोनियां काटने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा चुकी है। मार्च 2018 से पहले की अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए सरकार पॉलिसी बना चुकी है। अनुमान के मुताबिक मार्च 2018 के बाद से अब तक लुधियाना शहर के आसपास ही चार सौ से पांच सौ अवैध कॉलोनियां काटी जा चुकी हैं।

जिन पर ग्लाडा की तरफ से अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पिछले एक माह में ग्लाडा के अफसरों ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष मुहिम चलाई और अब तक दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों पर कार्रवाई की, जिनमें से आधा दर्जन कॉलोनियों का रेवेन्यू रिकार्ड जुटाकर ग्लाडा खसरा नंबर डीसी को भेज चुके हैं। जिससे इन कॉलोनियों के प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। यही नहीं ग्लाडा अब अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ पर्चे भी दर्ज करवाएगा।

अवैध कॉलोनियों की वीडियोग्राफी भी कर रहा है ग्लाडा

ग्लाडा अफसर अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई करते आ रहे हैं। कॉलोनियों के बाहर कोई नाम नहीं लिखा होता है इसलिए कार्रवाई के बाद वह फिर से काम शुरू कर देते हैं। अब ग्लाडा ने कार्रवाई से पहले अवैध कॉलोनियों की वीडियोग्राफी करवाने का फैसला किया है। असिस्टेंट चीफ एडमिनिस्ट्रेर व एस्टेट अफसर खुद लोगों से फीडबैक लेंगे।

मार्च 2018 से पहले की कॉलोनियों पर नहीं किया कोई फैसला

मार्च 2018 से पहले लुधियाना शहर के आसपास कुल 1431 अवैध कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए पंजाब सरकार ने पॉलिसी लांच की थी। पंजाब सरकार चार बार कॉलोनाइजरों को कॉलोनियां रेगुलर करवाने का मौका दे चुकी है। 31 जनवरी को चौथी बार भी डेड लाइन पूरी हो गई है लेकिन इसमें से पांच सौ के करीब कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के आवेदन जमा हुए हैं। इन कॉलोनियों के लिए आवेदन की तिथि अभी और बढ़ाई जाएगी या उनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस पर सरकार ने अभी फैसला नहीं लिया।

अप्लाई नंबर का हवाला देकर कॉलोनाइजर बेच रहे प्लॉट

कॉलोनाइजरों ने अब लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाना शुरू कर दिया। लोग अगर कॉलोनाइजरों से कॉलोनियों के वैध होने की बात पूछते हैं तो वह ग्लाडा में जमा किए गए आवेदन का अप्लाई नंबर दिखा देते हैं, जिससे प्लाट खरीदने वाले उनके झांसे में आ जाते हैं। ग्लाडा अफसरों की मानें तो अप्लाई नंबर पर भी प्लाट न खरीदें क्योंकि मापदंड पूरे न होने पर ग्लाडा उनके आवेदन को निरस्त भी कर सकता है।

अवैध कॉलोनियों की वीडियोग्राफी की जा रही है और साथ ही उनका रेवेन्यू रिकार्ड जुटाया जा रहा है। करीब आधा दर्जन कॉलोनियों के खसरा नंबर डीसी साहब को भेज चुके हैं और उन्हें इन खसरा नंबरों की रजिस्ट्री न करवाने के लिए लिखा गया है। लोग अवैध कॉलोनियों में प्लाट न लें इससे उनके साथ धोखा हो सकता है।

-भूपिंदर सिंह, एसीए ग्लाडा ।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.