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रिटायरमेंट के बाद मिले तो गदगद हुए सेना अधिकारी

भारतीय सेना की 18वीं बटालियन दी सिख रेजिमेंट के रिटायर्ड अधिकारियों की मीटिग शिवपुरी के वंजली रेस्टोरेंट में हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 06:55 AM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 06:55 AM (IST)
रिटायरमेंट के बाद मिले तो गदगद हुए सेना अधिकारी
रिटायरमेंट के बाद मिले तो गदगद हुए सेना अधिकारी

जासं, लुधियाना : भारतीय सेना की 18वीं बटालियन दी सिख रेजिमेंट (शमशीर) के रिटायर्ड अधिकारियों की मीटिग स्थानीय शिवपुरी के वंजली रेस्टोरेंट में हुई, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से सेना के रिटायर्ड अधिकारी इकट्ठे हुए। कार्यक्रम में पूर्व ब्रिगेडियर जेएस नागरा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। समारोह में आए हुए अतिथियों का स्वागत कैप्टन रतन सिंह, कैप्टन बहादुर सिंह, कैप्टन जसवंत सिंह मल्ली, कैप्टन बलजीत सिंह, कैप्टन जोगिंद्र सिंह, कैप्टन करनैल सिंह, कैप्टन रूप सिंह ने गुलदस्ता भेंटकर किया। मीटिग में शामिल हुए देश भर के रिटायर्ड अधिकारियों ने अपना-अपना अनुभव तथा यादों को एक-दूसरे के साथ साझा किया। ब्रिगेडियर जेएस नागरा ने कहा कि एक सैनिक जो हर समय देश के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं और अपनी जिदगी को देश के लिए कुर्बान कर देते हैं। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारी भविष्य में भी हम देश सेवा के लिए पूर्णत: समर्पित हैं। इस मौके कैप्टन गुरचरण सिंह बराड़, कैप्टन गुरदीप सिंह, कैप्टन बलविन्द्र सिंह, कैप्टन गुरनीत सिंह, सूबेदार बेअंत सिंह संधू, सूबेदार मेजर कैप्टन दीदार सिंह आदि उपस्थित थे। आज हुई गेट टू गेदर पार्टी में सभी पुराने साथियों से मिल कर बेहद खुशी हुई। लंबे समय से सभी एक दूसरे से मिले नहीं थे। इसलिए उनसे मिलने, उनके परिवार व बच्चों के बारे में बात करने का बहुत मन था। आज हुई मीटिग ने मन को खुशियों से भर दिया।

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सूबेदार मेजर दीदार सिंह (मलेरकोटला)

हम सब के मिलने का मकसद एक दूसरे का हाल चाल जानना, उनके परिवार व बच्चों के बारे में जानना था। इसके लिए हम पिछले एक महीने से तैयारियां कर रहे थे। कैप्टन रतन सिंह, बहादर सिंह व जोगिदर सिंह ने इसके लिए पूरी तैयारियां कीं।

कर्नल गुरचरण सिंह, सराभा नगर लुधियाना आज की मीटिग का सभी को बेसब्री के साथ इंतजार था, जिसमें शामिल होने के लिए पंजाब व हरियाणा के विभिन्न जिलों से सभी रिटायर साथी बेहद जोश के साथ पहुंचे। इसके लिए सभी साथियों के कंबाइन एफ‌र्ट्स थे। सभी ने उसके लिए बहुत सारी तैयारियां कर रखी थीं।

ब्रिगेडियर जेएस नागरा, चंडीगढ़ मैं 18वीं बटालिन का फाउंडर मेंबर हूं। मेरी भर्ती 1947 में हुई थी, जब पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर गुलाम कश्मीर को अपने कब्जे में ले लिया था। मेरा पूरा परिवार कनाडा में सेटल है, रिटायरमेंट के बाद सभी साथियों से मिलने की बेहद इच्छा थी। जो आज पूरी हुई।

सूबेदार मेजर दीदार सिह, सुलतान पुर लोधी (कपूरथला)


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