दो जिस्म और एक जान दास्तान-ए-इश्क में बयान
गीतांजलि लेडीज क्लब ने दास्तान-ए-इश्क कार्यक्रम का आयोजन किया।
जासं, लुधियाना : पतंग संग उड़ गया बचपन, छनक-छनक मन डगर सुहानी रे.. कुछ ऐसे ही बोल शनिवार को गीतांजलि लेडीज क्लब में सुनने को मिले। यहां दास्तान-ए-इश्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पोस्ट वैलेंटाइन थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में 20 मिनट की कोरियोग्राफी प्रस्तुत की गई जिसमें लैला मजनू का सच्चा प्यार दिखाया गया। कोरियोग्राफी की शुरुआत में यह दिखाया कि हम वैलेंटाइन वीक के सभी दिनों को तो मना रहे हैं, क्या आपके वैलेंटाइन और आपके बीच सच्चा विश्वास है भी या नहीं। धीरे-धीरे कोरियोग्राफी लैला-मजनू के प्यार से शुरू होती है। मजनू के रोल में पूजा जैन और लैला के अभिनय में नेहा गुप्ता दिखीं। लैला-मजनू के बचपन से लेकर युवा होने तक के प्यार को दिखाया गया। इस बीच परिवार वालों के विरोध, लड़ाई-झगड़ों को भी पंद्रह करेक्टर्स ने बखूबी दर्शाया। वे दो जिस्म और एक जान होते हैं। जब-जब मजनू को मारा गया तो चोट लैला को लगती। कोरियोग्राफी के समापन पर जब मजनू की मौत हुई तो लैला के खुद ही प्राण निकल जाते हैं। कोरियोग्राफी के जरिए संदेश दिया गया कि जब आप किसी से प्यार करोगे तो कुछ न कुछ पाओगे ही। लाल ड्रेस कोड रहा कार्यक्रम का थीम
दास्तान-ए-इश्क कार्यक्रम में लाल ड्रेस कोड रखी गई और लक्की रेड कलर वाली मेंबर को गिफ्ट दिया गया। वहीं क्लब की शील लखानी ने वैलेंटाइन कॉमेडी भी की। तंबोला गेम के साथ-साथ सरप्राइज गेम्स भी कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रहे। अध्यक्ष एकता नंदा की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ और कोरियोग्राफी में उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई।