Move to Jagran APP

सरकार विरोधी हूं, देश विरोधी नहीं : कन्हैया

जीएनयू छात्र यूनियन के पूर्व प्रधान कन्हैया कुमार इनिशिएटर्स ऑफ चेंज द्वारा आयोजित यूथ कॉनक्लेव स्पीकिंग माइंड्स कार्यक्रम में पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 04:44 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 04:44 PM (IST)
सरकार विरोधी हूं, देश विरोधी नहीं : कन्हैया
सरकार विरोधी हूं, देश विरोधी नहीं : कन्हैया

राजन कैंथ, लुधियाना : 'खाया पीया लाहे दा, बचे सो अहमद शाहे दा।' भले ही इस बात का आप लोगों को कोई फर्क न पड़े। वो तो वक्त चला गया। मगर इसका क्या करें, कि खाया पीया लाहे दा, बचे से अमित शाहे दा। इसका तो कुछ उपाय करना पड़ेगा न। यह बात जीएनयू छात्र यूनियन के पूर्व प्रधान कन्हैया कुमार ने कही। वो यहां इनिशिएटर्स ऑफ चेंज द्वारा आयोजित यूथ कॉनक्लेव स्पीकिंग माइंड्स कार्यक्रम में पहुंचे थे। कन्हैया ने कहा कि जब वो बोलते हैं तो लोग कहते हैं कि आप सरकार विरोधी काम कर रहे हैं।

loksabha election banner

सरकार विरोधी होने में भी कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सरकार विरोधी कहते कहते, देश विरोधी कहना शुरू कर देते हैं। जिससे कंफ्यूजन शुरू होता है कि अमित शाह कब से देश हो गए भाई साहब। मोदी कब से देश हो गए। और भाजपा को किस ने राष्ट्रवादी होने का ठेका दे दिया। यह सवाल मैं उनसे पूछना चाहता हूं। एक सीधा सा सवाल है, मैं बिलकुल सहमत हूं, जो बाबा साहब ने कहा, राष्ट्रवाद एक जज्बात है। हम अपने देश से प्रेम करते हैं। हम अपनी मां से प्रेम करते हैं। मगर राह चलते कोई हम से कहे कि करके दिखाओ तो यह कहने की बात है क्या। मेरे बेटे के जन्म दिन पर भी क्या हम भारत माता की जय बोलें? हम कब बोलेंगे, यह निर्धारित करने वाले आप कौन होते हैं। 21वीं सदी में राष्ट्रवाद को प्रभाशित करने की हमें जरूरत नहीं है। छात्रों को राइट टू एजूकेशन का अधिकार मिलना जरूरी : गुरमेहर

सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा महिलाओं में असुरक्षा की भावना दर्शाता है। समाज में ऐसे माहौल की जरूरत जिसमें महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें। यह बात छात्रा, लेखिका व एक्टिविस्ट गुरमेहर कौर गौर ने कही। यहां पत्रकारों से बात करते हुए गुरमेहर ने कहा कि शिक्षा सब का अधिकार है। मगर महंगी शिक्षा अब गरीब छात्रों के हाथ से फिसलती जा रही है। देश में राइट टू एजूकेशन का अधिकार होना चाहिए। सरकार को यूनिवर्सिटी के लिए अलग से फंडिंग करनी चाहिए। तीन पैनल ने दिए छात्रों के सवालों के जवाब

आज के इस कार्यक्रम में तीन पैनल रखे गए। जिसमें स्किल डवलेपमेंट को लेकर उपस्थित छात्रों के सवालों के जवाव दिए गए। इस दौरान क्रिएटिव इंडस्ट्री से संबंधित पैनल में एक्ट्रेस श्रेया मेहता, टीवीएफ एक्टर जसमीत सिंह भाटिया, शिवांकित परिहार, यूथ लीडरशिप व नेशन बिल्डिंग से संबंधित पैनल में इंडियन नेशनल कांग्रेस के कोआर्डिनेटर गौतम सेठ, गुरमेहर गौर, एनडीटीवी के कार्यक्रम जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी तथा अंत में नेशनलिस्म व फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन संबंधित पैनल में जीएनयू छात्रा शेहला राशीद, जीएनयू के पूर्व नेता कन्हैया लाल, भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्टेट स्पोकसमैन विक्रम बावा तथा एनडीटीवी के कार्यक्रम जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने छात्रों के सवालों के जवाब दिए। छात्रा को टोका तो माहौल गर्माया

कार्यक्रम के लास्ट पैनल में चल रही डिबेट के दौरान तब माहौल गर्मा गया जब अपनी बात रख रही छात्रा शेहला राशीद को प्रदीप भंडारी ने टोक दिया। तल्खी इस कदर भड़की कि शेहला ने उस मामले को मुस्लिम और ¨हदू समुदाय से जोड़ने का प्रयास किया। जिसके चलते आयोजकों को बीच बचाव करके मामला शांत करना पड़ा। इस दौरान करीब बीस मिनट तक कार्यक्रम को रोकना पड़ा। सभी पैनल जज से उनके माइक वापस लेने के बाद डिबेट फिर से शुरू हो सकी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.