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Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; Common Service Center संचालक के खिलाफ पहला केस

Ayushman Bharat Scheme पंजाब में आयुष्मान भारत के फर्जी कार्ड बनाने के मामले में कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक के खिलाफ राज्य में पहला केस दर्ज हुआ है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 08:21 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 08:41 AM (IST)
Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; Common Service Center संचालक के खिलाफ पहला केस
Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; Common Service Center संचालक के खिलाफ पहला केस

फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। Ayushman Bharat Scheme: पंजाब में आयुष्मान भारत (सरबत सेहत बीमा योजना) के फर्जी कार्ड बनाने के मामले में कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक के खिलाफ राज्य में पहला केस दर्ज हुआ है। इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश दैनिक जागरण ने तीन जनवरी के अंक में किया था। फतेहगढ़ साहिब के डिप्टी मेडिकल कमिश्नर (डीएमसी) डॉ. जगदीश सिंह ने थाना सरहिंद में कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक योगेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। वह हमांयुपुर का रहने वाला है।

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डीएमसी ने अपनी शिकायत में कहा है कि फतेहगढ़ साहिब में फर्जी बीमा कार्ड बनने की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 104 पर की गई थी। इसके बाद उन्होंने जांच की तो पाया कि योगेश कुमार की आइडी से 13 कार्ड फर्जी बने हैं। फिलहाल, आरोपित फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

आरोपित योगेश कुमार रेलवे रोड पर कपड़ों की दुकान चलाता है। दुकान में ही वह मनी एक्सचेंज का काम करता है और ऑनलाइन फॉर्म भी भरता है। इसी कारण योगेश ने स्टेट हेल्थ एजेंसी से कॉमन सर्विस सेंटर लिया था। दैनिक के पर्दाफाश करने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस योजना की समीक्षा की थी। स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने फर्जी कार्डों को रद करवाते हुए पूरे पंजाब में ही कॉमन सर्विस सेंटर बंद कर दिए थे। अब कार्ड बनाने के लिए नए टेंडर लगाए हैं। अगले हफ्ते नई कंपनी को कार्ड बनाने का काम सौंपा जा सकता है। 

कई बड़े मगरमच्छ भी फंसेंगे

इस फर्जीवाड़े में योगेश कुमार को मोहरा बनाया गया था। उसकी आइडी का प्रयोग होने के कारण उसे आरोपित बनाया गया है। इस फर्जीवाड़े में कई बड़े मगरमच्छ भी जाल में फंस सकते हैं। योगेेश ने 31 दिसंबर, 2019 को एक एफिडेविट पुलिस को दिया था। इसमें योगेश ने स्वीकार किया था कि फर्जी कार्ड बनाने में उसकी आइडी का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन साथ ही योगेश ने लिखा था कि उसे सब-एजेंट बनाने का अधिकार था। उसने शहर के एक व्यक्ति को सब-एजेंट बनाया था। उसने ही फर्जी कार्ड बनाए हैं। इसमें उसके आधार कार्ड का प्रयोग हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए।

दो पार्षदों का भी नाम

योगेश ने पूछताछ में दो पार्षदों का नाम भी लिया था, जिनके कहने पर उसने सब-एजेंट बनाया था। इन पार्षदों के चहेतों के भी फर्जी कार्ड बनाए गए हैं। 

सात वर्ष तक की हो सकती है सजा

पुलिस ने योगेश के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इन धाराओं में जिला न्यायालय को जमानत देने का अधिकार प्राप्त है। यदि जिला न्यायालय जमानत रद करती है तो फरियादी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जा सकता है। आरोप साबित होने पर सात वर्ष तक की सजा व जुर्माना हो सकता है।

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