Coronavirus Effect : विदेशी खरीदारों ने रुकवा दी माल की सप्लाई, निर्यातकों की उड़ी नींद
निर्यातक इस चिंता में हैं कि अब तैयार माल को कितने दिन वे गोदामों में रोक कर रखेंगे। इससे उनकी वर्किंग कैपिटल अटक जाएगी और आवश्यक खर्च तक निकालने कठिन हो जाएंगे।
लुधियाना [राजीव शर्मा]। कोरोना वायरस से पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है। इससे उद्योग चौपट हो रहे हैं। आयात-निर्यात बाधित हो रहा है। चीन से आयात लगभग बंद है। यूरोप और एशिया के देशों में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए वहां के विदेशी खरीदारों ने निर्यातकों को माल की सप्लाई को अभी रुकवा दी है। इससे निर्यातकों की नींद उड़ गई है। सारे डिलीवरी शेड्यूल गड़बड़ा रहे हैं। वे चिंता में हैं कि अब तैयार माल को कितने दिन वे गोदामों में रोक कर रखेंगे।
इससे उनकी वर्किंग कैपिटल अटक जाएगी और आवश्यक खर्च तक निकालने कठिन हो जाएंगे। लुधियाना ड्राइपोर्ट पर भी निर्यात एवं आयात में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। केंद्र सरकार ने सभी वीजा रद कर दिए हैं। ऐसे में विदेशी खरीदारों ने भी अपने दौरे टाल दिए हैं और भारतीय उद्यमी भी विदेश यात्रा से बच रहे हैं। उद्यमियों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि एडवांस टैक्स जमा कराने की तारीख एवं जीएसटी जमा कराने के लिए कम से कम तीन माह की राहत दी जाए।
माल जमा होने से उत्पादन रोकना पड़ रहा: एससी रल्हन
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि कोरोना के कारण आने वाला वक्त उद्योग जगत के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा। चीन से कच्चा माल मसलन स्पेशल स्टील, केमिकल्स एवं एसेसरीज इत्यादि आते थे, वे भी अब बंद हो गए हैं। कच्चे माल की दिक्कत से उत्पादन प्रभावित है। आर्डर का माल तक नहीं बन रहा है। अब दक्षिण पश्चिम एशिया एवं यूरोप के देशों के खरीदारों ने उद्यमियों को निर्देश दिए हैं कि निर्यात कंसाइनमेंट्स को फिलहाल होल्ड कर दें। इससे माल निर्यातकों के परिसरों में जमा हो रहा है। मजबूरन उत्पादन रोकना पड़ रहा है। रल्हन ने कहा कि सरकार ने अभी 15 अप्रैल तक वीजा बंद किए हैं। यदि इसके बाद भी न खोले गए तो उद्योग के समक्ष अस्तित्व का संकट पैदा हो जाएगा। उनका कहना है कि मार्च में निर्यात में करीब 50 फीसद का झटका लग सकता है।
मुश्किल हालात, कंटेनर भी वक्त पर नहीं मिल रहे: अविनाश
प्रमुख निर्यातक एवं आरएन गुप्ता एंड कंपनी के एमडी अविनाश गुप्ता ने कहा कि जर्मनी, फ्रांस, इटली समेत कई देशों के खरीदारों ने उद्यमियों को निर्यात सप्लाई रोकने को कहा है। इससे दिक्कतें बढ़ गई हैं। गुप्ता का कहना है कि आयात में गिरावट के कारण निर्यात का माल लोड करने के लिए उपयुक्त मात्रा में कंटेनर भी वक्त पर नहीं मिल रहे हैं। कंटेनरों के लिए निर्यातकों को इंतजार करना पड़ रहा है। गुप्ता ने कहा कि आने वाला वक्त कारोबार के लिए मुश्किलों से भरा है।
कंटेनरों में आयात-निर्यात में दो महीने में ही गिरावट: सरवण कुमार
शिपिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक सरवण कुमार का कहना है कि लुधियाना पोर्ट से जनवरी के दौरान 10500 कंटेनरों में माल निर्यात किया गया। यह फरवरी में कम होकर 9900 कंटेनर रह गया जबकि पोर्ट पर जनवरी में 12 हजार कंटेनर आयात के आए। फरवरी में इनकी संख्या कम होकर करीब 10 हजार रह गई। मार्च में आयात एवं निर्यात में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है।
अगले माह में भी रहेगी दिक्कतें: राजेश वर्मा
कस्टम हाउस एजेंट्स एसोसिएशन के प्रधान राजेश वर्मा के अनुसार आयात में गिरावट के चलते निर्यातकों को कंटेनर लेने में दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि पोर्ट पर कारोबार में लगातार सुस्ती आ रही है। अगले एक माह तक ऐसा ही ट्रेंड चल सकता है।