पहली बार जिला अदालत स्तर पर ई-फाइलिग शुरू होगी
ई-कोर्ट सेवाओं व ई-फाइलिग पर वेबिनार का आयोजन सुप्रीम केार्ट की ई-समिति द्वारा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की देखरेख में किया है।
संस, लुधियाना: ई-कोर्ट सेवाओं व ई-फाइलिग पर वेबिनार का आयोजन सुप्रीम केार्ट की ई-समिति द्वारा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की देखरेख में किया गया है। इसमें बताया गया कि देशभर के 739 जिलों में जिला स्तर पर पहली बार ई-फाइलिग शुरू हो रही है। वेबिनार के औपचारिक उद्घाटन के बाद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि ई-फाइलिग जिला स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के डिजिटलाइजेशन में एक क्रांतिकारी कदम होगा। ई-मॉड्यूल भी अपने मामलों के रिकॉर्ड को बनाए रखने में वकीलों की मदद करेगा। हमारा लक्ष्य वकीलों के बीच 100 फीसद कंप्यूटर साक्षरता बनाना है।
उन्होंने कहा कि हमारे सेवा पोर्टल पर लगभग 25 लाख हिट दर्ज किए गए थे। ई-कोर्ट मोबाइल एप के 43 लाख डाउनलोड और लगभग 35 लाख हिट रोजाना हुए। उन्होंने दावा किया कि अगली तारीखों के बारे में अपडेट करने वाले वकीलों को लगभग 35,000 एसएमएस भेजे जा रहे हैं और उनके मामलों को अपडेट करने वाले वकीलों और वादियों को लगभग 3,50,000 स्वचालित ई-मेल भेजे जा रहे हैं। न्यायपालिका से 461 मास्टर ट्रेनर 739 जिलों में स्थानीय वकीलों को मास्टर ट्रेनर बनाकर जागरूकता फैलाएंगे।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा, भारत के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अपने विचार साझा किए और इस कदम को एक ऐतिहासिक कदम करार दिया। पंजाब क़ानूनी सेवा अथॉरिटी के एडिशनल मेंबर सेक्रेटेरी मनदीप मित्तल ने ई-फाइलिग की नई प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लिए 10 स्टेप्स में 18 मिनट लगते हैं। ई-फाइलिग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सीआईएस (कोर्ट डेटा बेस) के साथ वकील का पंजीकरण आवश्यक है। ई-याचिका पर वकीलों के हस्ताक्षर तीन तरह से किए जाएंगे। एक तरीका है डिजिटल सिग्नेचर, आधार कार्ड से लिक करके एक विकल्प और मोबाइल पर ओटीपी द्वारा एक तरीक़ा उपलब्ध है। नोडल अधिकारी-व-मास्टर ट्रेनर टीटीएस बिद्रा (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश) ने वकीलों के सवालों का जवाब दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट पवलीन सिंह ने वकीलों व मुवक्किलों के लिए मूल्यवान ई-कोर्ट सेवाओं के मोबाइल ऐप पर उपलब्ध सुविधाओं पर प्रकाश डाला।