पंजाब में दो साल के बाद सामने आया चिकनगुनिया का केस, चपेट में आया लुधियाना का युवक; जानें क्या है लक्षण
सिविल सर्जन ने बताया कि चिकनगुनिया का कारण टीबी की बीमारी या अथवा अन्य कोई बीमारी नहीं है। यह एक वायरल है जैसे अन्य बुखार होते हैं इसी तरह ही यह बुखार है जिसका मुख्य कारण मच्छर है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। लुधियाना का एक युवक चुकनगुनिया से पीड़ित हुआ है। इसकी पुष्टि पटियाला के मेडिकल काॅलेज लैबाेरेट्री में हुई है। 24 वर्षीय उक्त युवक लुधियाना के आंबेडकर इलाके का रहने वाला और वहां की एक फैक्ट्री में काम करता है। फिलहाल वह टीबी से ग्रस्त है, जिसका पटियाला के टीबी अस्पताल में इलाज जारी है। सिविल सर्जन डाॅ. प्रिंस सोढी ने कहा कि मरीज की हालत स्थिर है। उनका कहना है कि दो सालों से पंजाब में कोई केस नहीं था और जिले में भी तीन साल से कोई मामला नहीं है।
सिविल सर्जन ने बताया कि चिकनगुनिया का कारण टीबी की बीमारी या अथवा अन्य कोई बीमारी नहीं है। यह एक वायरल है, जैसे अन्य बुखार होते हैं। यह मच्छर एक व्यक्ति को काटने के बाद उसका संक्रमित रक्त अपने साथ लाकर दूसरे व्यक्ति को काटते हुए उसमें इंजेक्ट कर देता है, जिसके बाद दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। यह मच्छर भी डेंगू को फैलाने वाला ही है जो साफ सुथरे पानी में पनपता है। इसलिए इस बीमारी से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। जिला एपीडिमालोजिस्ट डाॅ. सुमित सिंह ने बताया कि मरीज काे बुखार हुआ तो वह टीबी अस्पताल में चेकअप के लिए आया।
डाॅक्टरों ने उसका डेंगू सहित चिकनगुनिया का टेस्ट करवाया। इस दौरान उसका डेंगू का टेस्ट को निगेटिव आ गया, लेकिन चुकनगुनिया का टेस्ट पाॅजिटिव आ गया। डाॅ. सुमित के मुताबिक चिकनगुनिया का लक्षण यह है कि मच्छर के काटने के बाद बुखार का तापमान 102 से उपर नहीं जाता बल्कि शरीर सहित जोड़ों में दर्द होने लगता है। बुखार ठीक होने के बाद भी यह दर्द होता रहता है। इसलिए लोग मच्छर से बचाव के साधन अपनाएं ताकि इससे बचाव हो सके।
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