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कर्ज की किश्तें डकार गए फाइनांस कपनी के कर्मी, लोन लेने गए तो पता चला 100 लोग डिफॉल्टर

माछीवाड़ा में मजदूरों की बस्ती बलीबेग में रहते गरीब परिवारों ने फाइनांस कंपनी से कर्ज लिया था परंतु सभी किश्तें अदा करने के बावजूद भी कंपनी के खातों में यह डिफॉल्टर है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 05:30 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:27 AM (IST)
कर्ज की किश्तें डकार गए फाइनांस कपनी के कर्मी, लोन लेने गए तो पता चला 100 लोग डिफॉल्टर

श्री माछीवाड़ा साहिब, जेएनएन। माछीवाड़ा में मजदूरों की बस्ती बलीबेग में रहते गरीब परिवारों ने फाइनांस कंपनी से कर्ज लिया था परंतु सभी किश्तें अदा करने के बावजूद भी कंपनी के खातों में यह डिफॉल्टर घोषित हैं।पीडि़ताें ने बताया कि बलीबेग बस्ती से करीब 300 परिवारों ने घरेलू जरूरतों के लिए नवांशहर में स्थित एक फाइनांस कंपनी से 25 से 27 हजार रुपये (प्रति व्यक्ति) कर्ज लिया था। वे कंपनी के भेजे व्यक्ति को प्रत्येक महीने किश्तें अदा करते रहे।

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करीब 13 महीने बाद जब कर्ज की सभी किश्तें खत्म हो गई तो बैंक से आने वाले कर्मियों ने उनकी कापियों पर लोन क्लीयर भी लिखकर दे दिया। इन मजदूरों ने बताया कि जब वह दोबारा लोन लेने के लिए कंपनी दफ्तर गए तो वहां से पता लगा कि उनके खातों में ली गई कर्ज की किश्तें जमा ही नहीं हुई।

इस कारण करीब 100 मजदूर डिफॉल्टर सूची में दर्ज हो गए और उनकी तरफ कंपनी ने कुल 12 से 15 लाख रुपये बकाया निकाल दिया। इन गरीब मजदूरों ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि उन्होंने बहुत मेहनत मजदूरी कर कर्ज उतारा परंतु फाइनांस कंपनी के ही कुछ मुलाजिम किश्तें इकट्ठी करने आते थे और उन्होंने आगे कंपनी के मुख्य दफ्तर में राशि जमा नहीं करवाई।

मजदूरों ने बताया कि कंपनी को प्रत्येक महीने यदि तय तारीख को किश्त अदा नहीं करते थे तो रिकवरी मुलाजिम 100 रुपये प्रतिदिन ज्यादा वसूल करते थे। वे तय समय में किश्तें देते रहे परंतु अब कर्ज चुकाने के बावजूद कंपनी ने उनको डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।

रिकवरी कर्मियों और मजदूरों को आमने-सामने बिठा बात करेंगे: कंपनी अधिकारी

नवांशहर में स्थित फाइनांस कंपनी के अधिकारी सोहन ¨सह ने कहा कि माछीवाड़ा में रहते मजदूरों के कर्ज की किश्तों संबंधी जो मामला है, वह उनके ध्यान में है। उन्होंने कहा कि माछीवाड़ा में दलजीत कौर नाम की महिला पैसे एकत्रित कर कंपनी के मुलाजिमों को देती थी और कुछ किश्तें मुलाजिमों द्वारा सीधे तौर पर भी ली गई हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले का हल यह है कि जल्द ही वह रिकवरी करने वाले मुलाजिमों और मजदूरों को इकठ्ठा कर आमने-सामने कर मामले का निपटारा करेंगे।

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