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बड़ी राहत: पंजाब में 6 से दूध और सब्जियों की मारामारी होगी खत्म, किसान करेंगे हड़ताल समाप्त

डेयरी एसोसिएशन की अपील पर पंजाब के किसान बुधवार को अपनी हड़ताल खत्म कर देंगे। हालांकि अन्य राज्यों में हड़ताल जारी रहेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 03:47 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 05:10 PM (IST)
बड़ी राहत: पंजाब में 6 से दूध और सब्जियों की मारामारी होगी खत्म, किसान करेंगे हड़ताल समाप्त

जेएनएन, लुधियाना। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) ने पंजाब में किसानों की हड़ताल 6 जून यानी बुधवार से समाप्त करने की घोषणा की है। उस दिन मध्य प्रदेश में गत वर्ष मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद किसान अपनी हड़ताल समाप्त कर देंगे। यूनियन के नेताओं ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब में डेयरी एसोसिएशन की अपील पर वह हड़ताल की अवधि कम कर रहे हैं। अन्य राज्यों में हड़ताल जारी रहेगी। बता दें, डेयरी एसोसिएशन ने कहा था कि हड़ताल के कारण उनका काम ठप हो गया है।

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राजेवाल ने कहा कि देशभर में पंजाब के डेयरी किसान सबसे बड़े हैैं और दस दिन की हड़ताल के कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा था। उनके नुकसान को देखते हुए सोमवार को पांच किसान जत्थेबंदियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के लखबीर सिंह राजेवाल, बीकेयू लक्खोवाल के हरिंदर सिंह लक्खोवाल, बीकेयू सिद्धूपुर के जगजीत सिंह डालेवाल, इंडियन फार्मर्स एसोशिएशन सतनाम सिंह बैहरू और भारतीय किसान यूनियन कादियां के हरमीत सिंह कादियां शामिल थे। बैठक में पीडीएफए के दलजीत सिंह सदरपुर भी उपस्थित थे। राजेवाल ने कहा कि आंदोलन की अगली रणनीति देश के 172 किसान संगठनों की बैठक में लिया जाएगा।

आंदोलन राजनीति से प्रेरित होने की चर्चा पर विराम लगाते हुए राजेवाल ने कहा कि किसान संगठन गैर राजनीतिक संगठन हैैं, इसलिए आंदोलन राजनीतिक से प्रेरित हो ही नहीं सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को आपस में लड़वाने के पूरे प्रयास किए जो चिंता का विषय है। जब कोई आंदोलन होता है तो इस तरह की बातें उठती हैैं। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई नुमाइंदा किसानों से बातचीत के लिए अब तक आगे नहीं आया।

राजेवाल ने इस बात से इंकार किया कि किसानों के आंदोलन को जनसमर्थन नहीं मिला। साथ ही उन्होंने किसानों का दूध और सब्जियां सड़कों पर फेंकने के लिए कहा। राजेवाल ने कहा कि आंदोलन के पहले दिन एक-आध घटना घटी थी, लेकिन सभी किसानों को दूध व सब्जी बर्बाद न करने की सलाह दी गई थी।

मिनिमम इनकम गारंटी स्कीम लागू हो

बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार यदि किसानों की हितैषी है तो मिनिमम इनकम गारंटी स्कीम लागू करे। इसके तहत यदि किसानों की न्यूनतम आय नहीं होती है तो सरकार उसकी कमी पूरी करे।

क्या थी किसानों की प्रमुख तीन मांगें

  1. किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए। सरकार की गलत नीतियों के कारण ही किसानों के सिर पर कर्ज खड़ा है और वह आत्महत्याओं के लिए मजबूर हो रहे हैैं।
  2. किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार किसानों की लागत पर 50 फीसद मुनाफा रख फसल की कीमत तय की जाए, जबकि सरकार अभी इसके लिए तैयार नहीं है।
  3. छोटे किसान और खेती मजदूरों के लिए मिनिमम इनकम गारंटी स्कीम मुहैया करवाई जाए, ताकि वह अपने परिवार को पाल सकें। सरकार बड़े कारपोरेट हाउस को तो इन्सेंटिव देती है, लेकिन किसानों की ओर ध्यान नहीं देती।

जारी रहा किसानों का प्रदर्शन

वहीं, सोमवार को भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। जालंधर में किसान आंदोलन के हिंसक होने के चलते पंजाब में माहौल तनावपूर्ण होता जा रहा है। जालंधर की मकसूदा सब्जी मंडी में रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई है। किसानों ने आज भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व अन्य मांगों को लेकर राज्यभर में जगह-जगह प्रदर्शन किया। कई जगह सड़क पर दूध व सब्जियां उड़लेने का सिलसिला भी चलता रहा। हालांकि कुछ जगहों पर किसानों ने गांधीगीरी दिखाई और दूध गरीबों में बांटा।

जालंधर में किसानों को समझाती पुलिस।

श्री मुक्तसर साहिब में तो गत दिवस अपने खेतों से शहर में सब्जी बेचने जा रहे किसानों को प्रदर्शनकारियों ने अगवा कर लिया, ताकि वह सब्जी न बेच पाएं। उन्हें दो घंटे बाद छोड़ा और सब्जी नहर में बहा दी। कई स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी में मुफ्त में दूध बांटा गया। होशियारपुर में किसानों व दूध विक्रेताओं में नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। यहां सब्जी की गाड़ियों को शहर में नहीं घुसने दिया गया। होशियारपुर के सिंग्रीवाला चौक में रात 12 बजे तक किसान गाड़ियां रोक कर चेक करते रहे।

फाजिल्का में कुछ युवकों ने गांव से घर के लिए दूध व सब्जियां लेकर आ रहे लोगों से दूध व सब्जियां छीन लीं। कुछ जगह मुफ्त में सब्जियां बांटी गईं। बरनाला में किसानों ने डेयरी मालिकों से मारपीट की। लुधियाना के श्री माछीवाड़ा साहिब में भाकियू लक्खोवाल ने चंडीगढ़-लुधियाना मार्ग पर एक गाड़ी को रोक कर 50 किलो दूध के पैकेट आते-जाते लोगों में बांट दिए। अमृतसर में भी किसान नेताओं ने आढ़तियों का सामान सड़क पर फेंक दिया। जालंधर शहर में शनिवार के मुकाबले थोड़ी राहत रही, लेकिन देहाती क्षेत्रों में संकट बना हुआ है। कई डेयरियों में दूध की सप्लाई बाधित रही।

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