सावधान, मिलावटी खोया व मिठाइयां कर न दे बीमार, त्योहारी सीजन में मिठाई खरीदते बरतें सावधानी
जागरण संवाददाता, लुधियाना : त्योहारों के सीजन में मिठाइयों की डिमाड बढ़ जाती है। ऐसे में मुन
जागरण संवाददाता, लुधियाना : त्योहारों के सीजन में मिठाइयों की डिमाड बढ़ जाती है। ऐसे में मुनाफा कमाने के लिए मिलाटवखोर मिलावट करके मिठाइया बनाते हैं। खासकर, खोया से बनने वाली मिठाइयों में। मिलावटखोर खोया बनाने के लिए मैदा, डालडा, पाम आयल, सिंथेटिक दूध, अरारोट, आलू, शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, चीनी का इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं खोये का रंग बदलने के लिए केमिकलों का भी इस्तेमाल होता है। जोकि सेहत के लिए सही नहीं होती। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सिंथेटिक दूध व मिलावटी खोये की बनी मिठाइया किडनी से लेकर लीवर तक खराब कर सकता है। सास लेने में दिक्कत आ सकती है। वहीं, पेट के अन्य जरूरी अंगों को भी बेहद नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में जरूरी है कि खोया की सफेदी देखकर आखें बंद करके खरीदारी करने की बजाए, खोया खरीदते समय असली-नकली की पहचान करें।
ऐसे करें मिलावट की पहचान : फूड सेफ्टी अफसर योगेश गोयल ने कहा कि असली खोये की पहचान के लिए आयोडीन टिंचर की खोये में दो-तीन बूंद डालें। असली खोया होने पर रंग लाल हो जाएगा। खोये का रंग काला होने पर उसे विशुद्ध मिलावटी समझा जाए। इसी तरह शुद्ध खोया रगड़ने में चिकनाहट छोड़ता है जबकि मिलावटी खोया मसलने में बत्ती बनकर अलग-अलग हो जाता है। खोये को पहचानने का दूसरा तरीका यह भी है कि उसे अंगुलियों से रगडक़र देखें कि ये दानेदार है या नहीं। अगर यह दानेदार लगे तो हो सकता है कि इसमें मिलावट की गई हो। इसके अलावा खोया चखने पर अगर वो कड़वा लगता है तो समझ लें कि इसमें मिलावट की गई है।
दानेदार होता है शुद्ध खोया : वशेषज्ञों के अनुसार मिलावटी खोये को हाथ में लेने पर पाउडर-सा छूटता है, क्योंकि उसमें सूखापन होता है। जबकि शुद्ध खोया दानेदार होता है। अगर खोया शुद्ध होगा, तो कच्चे दूध जैसा स्वाद आता है।
गाढ़े रंग की मिठाइया बिलकुल न खरीदें : फूड सेफ्टी अफसर योगेश गोयल के अनुसार किसी मिठाई का रंग ज्यादा गहरा हो, तो उसे बिलकुल भी न खरीदें। क्योंकि हो सकता है कि मिठाई को आकर्षक दिखाने के लिए हानिकारक केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल किया गया हो।