हरिद्वार अस्थियां विसर्जित करने जाना है तो ई-पास लें या लिखित आवेदन करें
कोरोना वायरस ने जनजीवन पर ब्रेक ही नहीं लगाई बल्कि आत्माओं की मुक्ति में भी यह अड़चन बन गया।
लुधियाना, [राजेश शर्मा]। कोरोना वायरस ने जनजीवन पर ब्रेक ही नहीं लगाई बल्कि आत्माओं की मुक्ति में भी यह अड़चन बन गया। हिंदू मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के 13 दिन के भीतर अस्थि विसर्जन हो जाना चाहिए, लेकिन कर्फ्यू व लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने मरहूम स्वजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंच सके। इस कारण शहर के 12 श्मशानघाटों में 517 अस्थि क्लश जमा हो गए। हालात ऐसे बने कि श्मशानघाट प्रबंधन कमेटियों को क्षमता से अधिक आई अस्थियों को रखने की अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ी।
वहीं लॉकडाउन के दौरान भी लोगों को अगर दूसरे राज्यों में जाना है तो उनको इंटर स्टेट ई-कर्फ्यू पास या लिखित मंजूरी लेनी होगी। यह मंजूरी एक दिन के लिए ही वैध होगी। लोगों को उसी दिन जाकर उसी दिन ही लौटना होगा। साथ ही एक कार में सिर्फ तीन लोग ही जा सकेंगे। यानि एक ड्राइवर और पीछे दो लोग बैठ सकेंगे। एडीसी (जनरल) इकबाल सिंह संधू ने इसकी पुष्टि की है।
दुगरी फेज-2 शमशानघाट में अलग से बनाया कमरा
दुगरी फेज-2 के शमशानघाट में 19 अस्थि क्लश रखने के लिए लॉकर बनाए गए है। प्रबंधक रॉकी शर्मा बताते हैं कि कर्फ्यू के दिनों में इससे तीन गुणा अधिक अस्थि क्लश रखने पड़े। अब चूंकि लॉकर तो 19 ही थे तो परिसर में एक कमरा ही इनके लिए अलग से रखा गया। चंद लोग ऐसे भी थे जिनको लगा कि कर्फ्यू बहुत लंबा चलने वाला है। वह लोग स्वजनों की अस्थियों को श्री कीरतपुर साहिब, श्री कटाना साहिब या ब्यास में प्रवाहित कर आए।
धूरी लाइन स्वर्गधाम सभी लॉकर फुल, अब लोग अस्थियां लेने आने लगे
धूरी लाइन स्वर्गधाम में हालात कमोबेश ऐसे ही हैं। वहां 30 लॉकर अस्थियों को रखने के लिए हैं। एक खराब है। बाकी सभी फुल हो गए तो अस्थियों को श्मशानघाट में बनाए गए मंदिर में रखा गया। स्वर्गधाम के प्रबंधक अशोक सरीन का कहना है कि पिछले दो दिनों में हलचल हुई है। बड़ी संख्या में लोग अस्थि क्लश लेने पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद 19 मई को 44 अस्थि क्लश अभी इंतजार में है।
श्मशान भूमि शामनगर 20 लॉकर की व्यवस्था लेकिन 42 अस्थि क्लश पड़े
श्मशान भूमि शामनगर में अस्थि क्लश के लिए 20 लॉकर की व्यवस्था है लेकिन परिसर में 42 अस्थि क्लश पड़े हैं। प्रबंधन कमेटी चेयरमैन स्वामी अरुण का कहना है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार व प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। जमालपुर के श्मशानघाट में 50 अस्थि क्लश रखने के लिए लॉकर व्यवस्था है लेकिन यहां 108 अस्थि क्लश पहुंच चुके है जिन्हें परिसर के एक कमरे में रखा गया है। एडीसी (जनरल) इकबाल सिंह संधू ने कहा कि अस्थि विसर्जन के लिए जो लोग हरिद्वार जाना चाहते हैं, वह ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं या फिर डीसी ऑफिस की एमए ब्रांच में लिखित आवेदन देकर भी अनुमति ले सकते हैं।