चुनावी दिनों में गैंगस्टर्स को छुड़वा सकते हैं उनके साथी
पंजाब विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही पुलिस सतर्क हो गई है। आशंका है कि राजनीतिक लाभ के लिए उनके साथी गैैंगस्टर्स को छुड़वा सकते हैैं।
जेएनएन, लुधियाना। नाभा सेंट्रल जेल में घुसकर दो आतंकियों और चार गैंगस्टरों को छुड़वाने के मामले के बाद पंजाब में सेंट्रल जेलों के साथ-साथ इन अपराधियों की पेशी को लेकर भी अलर्ट कर दिया गया है। चुनावी दौर शुरू होते ही गैंगस्टरों ने भी जेलों या पेशी के दौरान भागने के नए-नए रास्ते तलाशने शुरू कर दिए हैं, ताकि इन दिनों में वह अपने मकसद में कामयाब हो सकें और किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को फायदा दे सकें।
खुफिया एजेंसियों की तरफ से इस प्रकार की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने सतर्कता बढ़ानी शुरू कर दी है। जेलों से कोर्ट में पेशी भुगतने आ रहे आतंकियों और गैंगस्टरों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। हाई सिक्योरिटी जोन में इस प्रकार के आतंकियों और गैंगस्टरों को पेश किया जाएगा। वहीं, रास्ते में भी उनके साथ सुरक्षा बल अधिक तैनात कर दिए हैं, ताकि वह किसी भी प्रकार की वारदात को अंजाम न दे सकें। इसके लिए जिला पुलिस ने अलग से एक टीम तैयार की है। जब भी कोई आतंकी और गैंगस्टर पेशी पर आएगा तो उक्त पुलिस की टीम को अदालत में तैनात कर दिया जाएगा।
आतंकियों और गैंगस्टरों की पेशी को लेकर पुलिस ने गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। इस दौरान पुलिस ने सभी अदालत से इस प्रकार के लोगों की पेशी की तारीखें मंगवा ली हैं, ताकि पेशी पर आने पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा सकें। पेशी के दौरान किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को उनके करीब नहीं जाने दिया जाएगा।
पुलिस और जेल प्रशासन भी बनाएंगे तालमेल
आतंकियों और गैंगस्टरों की पेशी को लेकर पुलिस और जेल प्रशासन भी आपस में अच्छा तालमेल बनाएंगे। अगर किसी आतंकी और खुंखार गैंगस्टर को पेशी पर भेजना है, तो जेल प्रशासन पहले ही पुलिस को लिख कर अधिक सुरक्षा बल मांग लेगा। जिसके बाद पुलिस लाइन से अधिक मुलाजिम भेज दिए जाएंगे, ताकि कड़ी सुरक्षा में इन जैसे अपराधियों को पेशी पर ले जाया जा सके।
कैमरों में कैद होंगे आतंकी और गैंगस्टर
पेशी भुगतने आ रहे आतंकी और गैंगस्टरों को पुलिस कैमरे में भी कैद करेगी। अदालत परिसर में इस प्रकार के अपराधियों पर कैमरे से नजर रखी जाएगी। ताकि अगर इन अपराधियों के गैंग के सदस्य पुलिस पर हमला करते हैं, तो उन्हें कैमरे में भी कैद किया जा सके। अगर हमले के दौरान आरोपी भागने में सफल भी हो जाते हैं, तो कैमरे में कैद हुए हमलावरों की वीडियो से उनकी पहचान कर ली जाएगी और उसके बाद आरोपियों तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी।
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