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अब बुजुर्गों का दुख-दर्द जानेंगे पुलिस अफसर और कर्मी

पुलिस अब सीनियर सिटीजन के संपर्क में लगातार रहेगी। उनका दुख-दर्द जानेगी और समस्याओं को सुना जाएगा।

By Edited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 02:33 PM (IST)
अब बुजुर्गों का दुख-दर्द जानेंगे पुलिस अफसर और कर्मी

जासं, लुधियाना : पुलिस अब सीनियर सिटीजन के संपर्क में लगातार रहेगी। उनका दुख-दर्द जानेगी और समस्याओं को सुना जाएगा। इसकी शुरुआत सोमवार से एल्डर मीट के जरिए कर दी गई है। पुलिस लाइन में इसके लिए समारोह किया गया था। इसमें सभी पुलिस के अधिकारी और सीनियर सिटीजन एकत्र हुए। उनके साथ चाय का कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि आज के समय में हमारे बुजुर्ग खुद को अकेले महसूस करते हैं। पंजाब के बहुत से परिवारों के बच्चे विदेशों में रह रहे हैं। उनके बुजुर्ग पीछे अकेले रह जाते हैं। कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि अगर बुजुर्ग परिवार के साथ भी रहते हैं तो उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। वे अपनी सेहत और सुरक्षा के पक्ष से भी काफी परेशान होते हैं। सीपी ने कहा कि बुजुर्ग हमारी सांझी विरासत हैं और हमारा फर्ज है कि हम उम्र के इस पड़ाव में उनका सहारा बनें। उन्हें यह अहसास करवाएं कि हम सभी अपने बुजुर्गो के सुख-दुख में उनके साथ खड़े हैं। डॉ. गिल ने बताया कि एल्डर्स कनेक्ट प्रोग्राम की शुरुआत की जा रही है। सांझ केंद्रों के अधीन चलाए जा रहे इस प्रोग्राम के तहत हर पुलिस मुलाजिम अपने एरिया के बुजुर्गो से हर माह उनके घर पर जाकर मिलेंगे। वे उन बुजुर्गो की दुख तकलीफ सुनेंगे, बुजुर्ग की सेहत और सुरक्षा के पक्ष से आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए मदद करेंगे, यही नहीं पुलिस के कर्मचारी बुजुर्गो के परिवार का हिस्सा बनेंगे।

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पहले ही दिन बुजुर्गों से मिले अधिकारी एल्डर कनेक्ट के तहत पहले ही दिन गुरप्रीत कौर पुरेवाल, एडीसीपी गुरप्रीत सिंह एल्डर होम पहुंचे और वहां मौजूद बुजुर्गो का हाल पूछा। इसी तरह एडीसीपी हेडक्वार्टर दीपक पारीक मॉडल टाउन के वरिंदर सिंह के घर पर पहुंचे और उनसे बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा। इससे पहले भी बनी थी मोहल्ला सुधार कमेटियां बता दें कि इससे पहले पुलिस की ओर से मोहल्ला सुधार कमेटियां बनाई गई थीं। इसमें मोहलों के गणमान्य व्यक्ति और बुजुर्गो को शामिल किया जाता था। मगर यह कमेटियां अब वर्किंग में नहीं हैं। पुलिस बुजुर्गो से कनेक्ट के माध्यम से कमेटियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।


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