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आठ घंटे 200 नर्सेज का धरना, मांग-डबल शिफ्ट के पैसे, इंक्रीमेंट, साप्ताहिक अवकाश

एसपीएस अस्पताल की स्टाफ नर्सो ने रविवार को मांगों के लिए करीब आठ घंटे तक कामकाज ठप रखते हुए धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 05:45 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 05:45 AM (IST)
आठ घंटे 200 नर्सेज का धरना, मांग-डबल शिफ्ट के पैसे, इंक्रीमेंट, साप्ताहिक अवकाश
आठ घंटे 200 नर्सेज का धरना, मांग-डबल शिफ्ट के पैसे, इंक्रीमेंट, साप्ताहिक अवकाश

जागरण संवाददाता, लुधियाना : एसपीएस अस्पताल की स्टाफ नर्सो ने रविवार को मांगों के लिए करीब आठ घंटे तक कामकाज ठप रखते हुए धरना दिया। सुबह आठ बजे 200 नर्सेज अस्पताल के बाहर आ गई और नारेबाजी करनी शुरू कर दी। हालांकि प्रदर्शन से जाम की स्थिति पैदा नहीं हुई। नर्सो ने सड़क के किनारे बैठकर एचआर मैनेजर व मैनेजमेंट के खिलाफ रोष जताया। दूसरी ओर, इस बारे में पता चलते ही अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया लिया। इस दौरान पुलिस ने नर्सो को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन नहीं मानी और धरने को शाम छह बजे तक जारी रखा। स्टाफ नर्सो का कहना था कि डबल शिफ्ट में काम तो ले रहे हैं, पर भुगतान नहीं किया जा रहा। साप्ताहिक अवकाश (वीकली ऑफ) तक नहीं दिया जा रहा, न ही कोई इंक्रीमेंट। महामारी के दौरान अतिरिक्त वेतन देने का सिर्फ वादा ही रहा।

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मनदीप, जसप्रीत, मीरा, प्रभजेात, जयप्रीत, आकाश, कमलजीत, कर्णप्रीत ने बताया कि एचआर मैनेजर एक साल से स्टाफ को परेशान कर रहा है। इस वजह से वह मानसिक तौर पर पीड़ित हैं, इसलिए एचआर मैनेजर का इस्तीफा लिया जाए। उधर, धरने पर बैठे स्टाफ को मेडिकल सुपरिटेंडेंट सहित मैनेजमेंट के सदस्यों ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी भी नहीं सुनी। उनकी जिद थी कि एचआर मैनेजर को हटाया जाए और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित में दिया जाए।

वार्डो में मरीज हुए प्रभावित

एक साथ इतनी बड़ी संख्या में स्टाफ के धरने पर बैठने से विभिन्न वार्डो में भर्ती मरीजों को बेहतर नर्सिग केयर नहीं मिली। क्योंकि जिन वार्डो में एक समय पर पांच से छह के करीब स्टाफ होता है, वहां केवल एक नर्स थी।

सालों से करवा रहे इलाज, हड़ताल पर कहा, ओर कहीं ले जाओ

उधर, कुछ परिजनों ने आरोप लगाया कि स्टाफ की हड़ताल से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में ले जाने के लिए कहा गया। एक मरीज की बेटी ने बताया कि पिता का डायलसिस करने से मना कर दिया और दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कहा। उसने बताया कि पिता का डायलसिस व इलाज एसपीएस अस्पताल से सालों से चल रहा है। अब एकदम से उन्हें दूसरी जगह कैसे ले जा सकते हैं।

नर्सो के आरोप गलत

इस संबंध में अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. आर कुंद्रा ने कहा कि काफी स्टाफ कोरोना वार्ड में ड्यूटी नहीं करना चाहता। उनकी यह मांग नहीं मानी जा सकती। वेतन समय पर दिया जा रहा है। डबल शिफ्ट में काम नहीं करवाया जा रहा। छुट्टियां भी दी जा रही हैं। जो आरोप लगाए गए हैं, वह गलत है।

एडीसीपी और एडीसी (डी) की भी नहीं सुनी

धरने पर बैठी स्टाफ नर्सों को समझाने के लिए एडीसीपी व एडीसी (डी) भी पहुंचे। उन्होंने नर्सों की बात सुनी और आश्वासन दिया कि मांगों को पूरा करवाया जाएगा, लेकिन नर्सें धरने पर डटी रहीं।

ड्यूटी नहीं की ज्वाइन

धरने के बाद नर्सेज घर चली गई। इसके चलते अस्पताल प्रबंधन की ओर से जिला प्रशासन से मदद मांगी गई है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. कुंद्रा ने बताया कि हड़ताल के कारण नए मरीजों की भर्ती बंद कर दी है, क्योंकि जितना स्टाफ अब काम पर है, वह भर्ती मरीजों को ही संभालेंगा।


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