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250 नाके व 80 फीसद पुलिस वाले फील्ड में, फिर भी नशा तस्करी

कर्फ्यू के बीच पुलिस के 250 पुलिस नाके और 80 फीसद पुलिस की फील्ड में होने के बावजूद नशे की तस्करी जारी है। एसटीएफ लगातार हेरोइन की बड़ी खेप पकड़ रही है।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 08:33 AM (IST)
250 नाके व 80 फीसद पुलिस वाले फील्ड में, फिर भी नशा तस्करी
250 नाके व 80 फीसद पुलिस वाले फील्ड में, फिर भी नशा तस्करी

लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। कर्फ्यू के बीच पुलिस के 250 पुलिस नाके और 80 फीसद पुलिस की फील्ड में होने के बावजूद नशे की तस्करी जारी है। एसटीएफ लगातार हेरोइन की बड़ी खेप पकड़ रही है। जिससे साफ है कि कर्फ्यू के बीच भी नशे की चेन अभी पूरी तरह से टूटी नहीं है। इसका पर्दाफाश सिविल अस्पताल में दवा लेने आ रहे नशेडिय़ों ने भी किया था और 'दैनिक जागरण' ने दो दिन पहले ही इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

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बड़ा सवाल यह है कि अगर पुलिस की इतनी जबरदस्त नाकाबंदी है और कर्फ्यू को पूरी तरह लागू करवा लेने का दम भरा जा रहा है, तो फिर नशे की तस्करी कैसे हो रही है। पुलिस का काउंटर इंटेलिजेंस विभाग और थानों की पुलिस क्या मात्र कफ्र्यू का उल्लंघन करने वालों और वाहन बंद करने तक ही सीमित होकर रह गई है।

वहीं ट्रांसपोर्ट नगर के साथ लगती घोड़ा कॉलोनी का नाम फिर सुर्खियों में है। यहां पर साल पहले पुलिस की ओर से रेड की गई थी। इस दौरान वहां वहां से बड़ी संख्या में पुरुषों व महिलाओं को नशे के साथ काबू किया गया था। इसके अलावा यहां पर विधायक सिमरजीत सिंह बैंस भी फेसबुक लाइव होकर नशा खरीद चुके हैं।

यही नहीं जब भी शहर से कोई बड़ा तस्कर पकड़ा जाता है, तो उसका लिंक किसी न किसी तरह से इसी कालोनी के साथ जुड़ता है। 'दैनिक जागरण' की ओर से दो दिन पहले महानगर में की गई पड़ताल में भी यहां का नाम सामने आया था। इसके अलावा 810 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़े गए तीनों तस्करों ने भी यहां की महिला तस्कर हीना का नाम लिया है और उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

घोड़ा कॉलोनी बेहद गरीब लोगों की बस्ती है और यहां पर एक हजार के करीब आबादी है। यहां पर ज्यादातर परिवार नशा तस्करी ही करते हैं। अब सवाल यह है कि सरकार को नशा विरोधी मुहिम चलाए तीन साल हो चुके हैं। फिर भी इस कॉलोनी से नशा तस्करी बंद नहीं करवाई जा सकी है, जो सरकार की नशामुक्ति मुहिम को भी धक्का है।

कर्फ्यू में नशा तस्करी गंभीर चिंता

यूथ अकाली दल प्रधान गुरदीप गोशा का कहना है कि एक तरफ लोग कोरोना जैसी भयानक बीमारी से परेशान हैं और पूरा पुलिस, सिविल प्रशासन और समाजसेवी लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। मगर, कुछेक लोग अपने स्वार्थ के लिए इस बुरे समय में भी गलत काम करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें खुद की इस तरह की गलत हरकतों से बाज आना चाहिए और प्रशासन को भी चाहिए कि वह ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आए।

कर्फ्यू के दौरान नशे की बड़ी रिकवरी

15 अप्रैल: बाप-बेटा बरनाला से देने आए थे सप्लाई, 350 ग्राम हेरोइन सहित काबू

21 अप्रैल: मोटरसाइकिल पर देने जा रहे थे नशा, 360 ग्राम हेरोइन बरामद, दो काबू

25 अप्रैल: डेहलों पुलिस ने 15 किलो भुक्की, 250 ग्राम अफीम और बड़ी मात्रा में शराब बरामद की, चार काबू

30 अप्रैल: एक किलो 100 ग्राम हेरोइन की रिकवरी, चार काबू

5 मई: एक किलो 300 ग्राम हेरोइन के साथ दो काबू

नशे बरामद, पूरी पुलिस सक्रिय

पुलिस कमिश्‍नर राकेश अग्रवाल का कहन है कि हां कर्फ्यू के दौरान नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई है। एसटीएफ भी पुलिस का ही विंग है। हमारे थानों के पास इस समय कोरोना जैसी भयानक बीमारी से लड़ने के कारण वर्कलोड ज्यादा है। हम नाकों पर चेकिंग बढ़ा रहे हैं। पूरी पुलिस फोर्स पूरी तरह से सक्रिय है। हम काफी हद तक नशे की चेन तोडऩे में कामयाब हुए हैं। यह प्रयास लगातार जारी रहेगा। 

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