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हथियारों के शौकीन पंजाबी युवाओं पर भारी पड़ रहा डोप टेस्ट

पिस्तौल रखने के शौकीन नशेड़ियों पर कहीं न कहीं डोप टेस्ट भारी पड़ना शुरू हो गया है। अब तक 13 सौ के करीब युवा डोप टेस्ट करवा चुके हैं, जिनमें से 200 युवा टेस्ट में नशेड़ी मिले हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 06:09 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 08:49 PM (IST)
हथियारों के शौकीन पंजाबी युवाओं पर भारी पड़ रहा डोप टेस्ट

लुधियाना [अर्शदीप समर]। पिस्तौल रखने के शौकीन नशेड़ियों पर कहीं न कहीं डोप टेस्ट भारी पड़ना शुरू हो गया है। पिस्तौल का लाइसेंस लेने या रिन्यू करवाने से पहले असलहा धारकों को सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट करवाना पड़ता है। अप्रैल महीने से अब तक 13 सौ के करीब युवा डोप टेस्ट करवा चुके हैं, जिनमें से लगभग दो सौ युवा डोप टेस्ट में नशेड़ी मिले हैं।

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इन युवाओं के टेस्ट में जो मिला उनमें मोरफिन, कोडिन, प्रोक्सीफिन, बेंजोडाइजापाइन, टेट्राहाइड्रो केनाबिनोल, बारबिटूरेट्स, कोकेन, एमफेटामाइंज, बोपेनोरफेन और ट्रामाडोल साल्ट शामिल हैं। यह नशेड़ी युवकों में पाए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों का भी कहना है कि डोप टेस्ट होने से नशेड़ी युवक सामने आ गए। अब इनके लाइसेंस नहीं बनाए जाएंगे।

15 सौ रुपये में होता है डोप टेस्ट

असलहा लाइसेंस लेने के लिए पहले आवेदक को डोप टेस्ट करवाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें सिविल अस्पताल में जाकर 15 सौ रुपये की रसीद करवाना पड़ती है, जिसके बाद ही उनका डोप टेस्ट होता है। टेस्ट के बाद रिपोर्ट युवक को सौंप दी जाती है, लेकिन सिविल अस्पताल एसएमओ गीता कटारिया ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है कि यह रिपोर्ट सिविल अस्पताल से सीधी पुलिस विभाग को जानी चाहिए, ताकि नशेड़ी युवकों के बारे में पुलिस को पता चल सके।

सरकार को भी भेजी जाएगी नशेड़ी युवकों की लिस्ट

डोप टेस्ट से पहले सभी असलहा धारकों का फार्म पर पूरा पता लिखा जाता है। उसके बाद ही युवाओं का डोप टेस्ट होता है। डोप टेस्ट में नशेड़ी मिलने वाले युवकों की सिविल अस्पताल की तरफ से लिस्ट तैयार की जा रही है। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक नशेड़ी युवकों का डाटा तैयार कर सरकार को भी भेजने की तैयारी की जा रही है। ताकि सरकार को नशा करने वाले युवकों के बारे में पता चल सके।

लाइसेंस बनाने और रिन्यू करवाने से पहले करवाना पड़ता है डोप टेस्ट

अप्रैल से लेकर अब तक दो सौ के करीब नशेड़ी आए सामनेसिविल अस्पताल में किट को लेकर आ रही समस्या1असलहा लाइसेंस लेने से पहले असलहा धारक को डोप टेस्ट करवाना पड़ता है। रोजाना सिविल अस्पताल में आठ से दस लोग डोप टेस्ट करवाने के लिए आते हैं, लेकिन सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट करवाने की किट को लेकर लगातार कमी आ रही है। इसके साथ ही अन्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने भी डोप टेस्ट करवाने शुरू कर दिए हैं, जिससे सिविल अस्पताल की लैब को काफी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। किट न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

डोप टेस्ट में 200 नशेड़ी आए सामने: एसएमओ

एसएमओ गीता कटारिया ने कहा कि असलहा लेने वाले युवकों को पहले डोप टेस्ट करवाना पड़ता है। अप्रैल से लेकर अभी तक 13 सौ के करीब युवा डोप टेस्ट करवा चुके हैं। इनमें से दो सौ के करीब युवा नशेड़ी निकले हैं, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

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