कामना से किया कर्म व्यापार होता है: डा. राजेंद्र मुनि
एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में श्रमण संघीय डा. राजेंद्र मुनि साहित्य दिवाकर सुरेंद्र मुनि महाराज की 33वीं दीक्षा जयंती एवं चातुर्मास समापन समारोह का आयोजन किया गया।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में श्रमण संघीय डा. राजेंद्र मुनि, साहित्य दिवाकर सुरेंद्र मुनि महाराज की 33वीं दीक्षा जयंती एवं चातुर्मास समापन समारोह का आयोजन किया गया। श्रावक-श्राविकाओं ने सामायिक, प्रतिक्रमण, नवकारसी, आयंबिल उपवास में भाग लिया।
गुरुदेव डा. राजेंद्र मुनि महाराज ने कहा कि कार्तिक मास समापन की ओर है, चातुर्मास की बेला संपन्न होने की ओर है। चार माह तक इस बेला में श्रावक-श्राविकाओं ने कोविड-19 की वजह से घरों में ही जप, तप व स्वाध्याय की भूमिका निभाई, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अगर प्रभु को पाना है तो उसकी शरणागत होने के लिए हमें अपने तन-मन से खुद को प्रभु को समर्पण कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में अच्छे कर्म करने चाहिए। कर्म करते हुए किसी प्रकार की कामना मन में नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कामना से किया गया कर्म भक्ति नहीं एक प्रकार का व्यापार होता। सुरेंद्र मुनि महाराज ने कहा कि भगवान महावीर ने फरमाया है कि 'सज्झाएणं नाणावरणिज्जं कम्मं ख्वेई' अर्थात स्वाध्याय से ज्ञान की रुकावटें हट जाती है। हमें अर्थ का बोध हो रहा है। हमें प्रकृत भाषा का ज्ञान नहीं है, पर स्वाध्याय तो इस रुकावट को भी रिमोव कर देता है। तो आओ चलते है, आगम में वणित मोक्षगामी आत्माओं का परिचय कर लें। इस अवसर पर सभाध्यक्ष संजीव जैन सोनू, महामंत्री मनीष जैन, कोषाध्यक्ष नेम जैन, मोनिका जैन, सुरुचि जैन व समस्त कारिणी सदस्यगण शामिल थे।