भारी बारिश से सतलुज में बाढ़ के खतरे का अलर्ट
लगातार तीसरे दिन भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। भारी बारिश के कारण प्रशासन ने सतलुज दरिया में बाढ़ आने के खतरे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों की संभाल के लिए गोताखोरोंको तैयार रहने के निर्देश दिए है।
संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब : लगातार तीसरे दिन भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। भारी बारिश के कारण प्रशासन ने सतलुज दरिया में बाढ़ आने के खतरे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों की संभाल के लिए गोताखोरोंको तैयार रहने के निर्देश दिए है। प्रशासन एतिहासिक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों से भी संपर्क कर रहा है ताकि अगर स्थिति गंभीर होती है तो लंगर तैयार रखा जाए।
इस समय सतलुज दरिया में 15 से 20 हजार क्यूसिक पानी चल रहा है। भले ही यह खतरे के निशान से काफी नीचे है पर भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश से पानी सतलुज में आ सकता है। इस कारण यह अलर्ट जारी किया गया है। माछीवाड़ा में सतलुज के सबसे नाजुक स्थान सैंसोवाल व धुल्लेवाल गाव हैं जहा पर पानी बिल्कुल धुस्सी बाध के पास होकर गुजरता है। अगर सतलुज में पानी का बहाव 1 लाख क्यूसिक तक पहुंच जाता है तो धुस्सी बाध को खतरा हो सकता है। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल, एसएसपी ध्रुव दहिया, एसपी डी जसवीर सिंह, इंस्पेक्टर राजेश शर्मा समेत माल विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को धुस्सी बाध व सतलुज दरिया का जायजा लिया। खास कर धुल्लेवाल का नाजुक प्वाइंट भी देखा। स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार : एसडीएम
एसडीएम गीतिका सिंह ने बताया कि बेशक स्थिति कंट्रोल में है पर उच्चाधिकारियों के निर्देशों से पुलिस व प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रबंध कर लिए गए है। इसके अतिरिक्त लगातार हो रही इस भारी बारिश ने धान की फसल को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। कई स्थानों पर फसलें खेतों में पूरी तरह बिछ चुकी हैं।