ढींडसा ने सुखबीर को घेरा तो ग्रेवाल ने नए दल को बताया पांच नेताओं की पार्टी
शिरोमणि अकाली दल से बागी हुए टकसाली अकाली नेताओं ने मंगलवार को नई पार्टी शिरोमणि अकाली दल का गठन किया।
अर्शदीप समर, लुधियाना : शिरोमणि अकाली दल से बागी हुए टकसाली अकाली नेताओं ने मंगलवार को मॉडल टाउन स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब शहीदां में नई पार्टी शिरोमणि अकाली दल का गठन किया। इस दौरान पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने शिअद (ब) के प्रधान सुखबीर सिंह को जमकर घेरा। उन्होंने सुखबीर के साथ चल रहे वरिष्ठ अकाली नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा। उधर, कांग्रेस के खिलाफ शिअद के धरने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सलाहकार महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने ढींडसा की पार्टी को पांच लोगों की पार्टी बताया है। उन्होंने कहा कि ढींडसा व उनके साथी सत्ता के चाहवान हैं। जब शिअद सत्ता में थी तो इनमें से अधिकतर लोग सत्ता में अहम पदों पर तैनात थे, लेकिन जैसे ही शिअद सरकार हटी तो इन्होंने कांग्रेस से हाथ मिला लिया। अब ढींडसा व उनके नेता कांग्रेस की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं। ढींडसा व कैप्टन की नजदीकियां भी कई बार सामने आ चुकी हैं। कैप्टन ने कुछ माह पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सुखदेव सिंह ढींडसा को भी शमिल किया गया था।
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ढींडसा ने छेड़ दिया एसजीपीसी का मुद्दा
पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा की ओर से नई पार्टी की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में इसकी गर्म चर्चा शुरू हो गई है। इस दौरान ढींडसा ने एसजीपीसी का मुद्दा भी छेड़ दिया है। ढींडसा ने कहा कि सुखबीर ने एसजीपीसी पर पूरी तरह से कब्जा जमाया हुआ है। अब उनकी पार्टी एसजीपीसी के चुनाव में उतरकर सुखबीर का कब्जा खत्म करेगी। वहीं, महेश इंद्र ग्रेवाल ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने एसजीपीसी के मामलों में कभी दखलअंदाजी नहीं की। ढींडसा कांग्रेस पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
कमिश्नर दफ्तर और थाने के नजदीक टूटी शारीरिक दूरी
शिरोमणि अकाली दल ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने मॉडल टाऊन के नजदीक स्थित श्री गुरुद्वारा शहीदां में नई पार्टी की घोषणा की। इस दौरान दोनों ही पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शारीरिक दूरी की जमकर धज्जियां उड़ाई। हालांकि शिअद नेताओं ने धरने के दौरान मास्क लगाए हुई थे, लेकिन ढींडसा जब नई पार्टी की घोषणा कर रहे थे तो ढींडसा समेत उनके आसपास मौजूद अधिकतर नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मास्क तक नहीं लगाए हुए थे। इससे साफ हो रहा था कि राजनीति इतनी गर्मा गई है कि उन्हें कोरोना तक का डर नहीं रहा।