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नीट में धैर्य ने पाया ऑल इंडिया 569वां रैंक

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने सोमवार को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट) का परिणाम घोषित कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 02:10 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 02:10 PM (IST)
नीट में धैर्य ने पाया ऑल इंडिया 569वां रैंक

जागरण संवाददाता, लुधियाना : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने सोमवार को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट) का परिणाम घोषित कर दिया। धैर्य जुनेजा ने ऑल इंडिया 569वां रैक हासिल किया है। वहीं शहर के ग्रेता बाकू ने 604वां, हरपुनीत सिंह ने 713वां व निशिमा ढंड ने 860वां रैक हासिल किया है। एमसीक्यूज प्रश्नों पर किया फोकस

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नाम:- धैर्य जुनेजा

रैंक: 569वां

पिता:- डॉ. पुनीत जुनेजा( रायकोट सिविल अस्पताल में बच्चों के विशेषज्ञ)

माता:- डॉ. पूजा जुनेजा (गाइनाकोलॉजिस्ट)

उद्देश्य:- कार्डियोलॉजिस्ट बनना

धैर्य जुनेजा ने बताया कि उसने पढ़ने की कोई विशेष रूटीन नहीं बनाई थी। एमसीक्यूज प्रश्नों की प्रेक्टिस ज्यादा की है। देर रात एक बजे तक उसने पढ़ाई की है। सराभा नगर स्थित करियर एकेडमी से कोचिंग ली। अपनी सफलता का श्रेय भी परिवार व अध्यापकों को देता है। बीआरएस नगर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल से ग्यारहवीं की पढ़ाई मेडिकल स्ट्रीम से 91.6 प्रतिशत के साथ पास की। दसवीं में वह 10 सीजीपीए ला चुका है। ड्राइंग करने, क्रिकेट खेलने का शौकीन है। न्यू जनता नगर का रहने वाले धैर्य को नीट में 600 रैक तक आने की उम्मीद थी। फिलहाल उसे एम्स परिणाम का इंतजार है। ग्रेता ने रूटीन में 15 घटे तक की पढ़ाई

नाम:- ग्रेता बाकू

रैंक: 604वां

पिता:- पंकज(सीए)

माता:- भावना (डीएमसी में डायटिशियन)

उद्देश्य:- हार्ट स्पेशलिस्ट बनना

ग्रेता ने बताया कि उसने कभी पढ़ने के लिए टाइम फिक्स नहीं किया। रूटीन में ही बारह से पंद्रह घंटे तक पढ़ाई की है। देर रात तीन बजे तक उसने पढ़ाई की है। 200 रैंक तक लाने की उम्मीद थी। ग्रेता ने एम्स और जिपमर परीक्षा दी है। बीआरएस नगर के डीएवी पब्लिक स्कूल से बारहवीं 95.4 प्रतिशत अंक ले तथा दसवीं में वह 10 सीजीपीए ला चुकी है। स्वीमिंग, रीडिंग और ट्रेवलिंग करने की वह शौकीन है। दुगरी के एजुस्केयर इंस्टीट्यूट से उसने दो साल की कोचिंग ली है।

12 घंटे तक पढ़ाई करने वाले हरपुनीत को मिला उम्मीद अच्छा रैंक

नाम:- हरपुनीत सिंह

रैंक: 713वां

पिता:- इंद्रजीत सिंह (जीएचजी खालसा कॉलेज सुधार में फिजिक्स प्रोफेसर)

माता:- सतिंदर कौर (एलआइसी में कार्यरत)

उद्देश्य :- कार्डियोलॉजिस्ट बनना

हरपुनीत सिंह ने बताया कि उसने बायो को ज्यादा महत्ता दी है क्योंकि उसे यह विषय थोड़ा मुश्किल लगता था। परीक्षा से पहले उसने दस से बारह घंटे तक पढ़ाई की है। दुगरी के एजूस्केयर इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेने वाला हरपुनीत सुबह चार बजे उठ पढ़ने लगता था। अपनी सफलता का श्रेय भी पेरेट्स और ट्यूशन टीचर्स को देता है। बीआरएस नगर के डीएवी पब्लिक स्कूल से बारहवीं 90.8 प्रतिशत अंक ले व दसवीं में 10 सीजीपीए ली है। एम्स और जिपमर परीक्षा के नतीजों के इंतजार में है। हरपुनीत ने कहा कि उसे ऑल इंडिया 1000 रैक तक आने की उम्मीद थी।

बायोलॉजी की पढ़ाई के लिए पिता की मदद ली

नाम: निशिमा ढंड

रैंक: 860वां

पिता: डॉ. दलजीत (जनरल प्रेक्टिशियन)

माता:- रीमा (जनरल प्रेक्टिशियिन)

उद्देश्य:- न्यूरोलाजिस्ट या रेडियोलाजिस्ट बनना

निशिमा ने सुबह पांच बजे उठ पढ़ाई की है। पहले बायो को प्राथमिकता दी है। निशिमा ने आकाश इंस्टीट्यूट से तीन साल की कोचिंग ली है। नानकसर के स्प्रिंग डयू स्कूल से बारहवीं 93.6 प्रतिशत व दसवीं में दस सीजीपीए अंक हासिल की है। हाल ही में वह लुधियाना में शिफ्ट हुए है। डांसिंग, म्यूजिक की वह शौकीन है। अपनी सफलता का श्रेय ट्यूशन टीचर्स, परिवार को देना चाहती है। निशिमा ने बताया कि बॉयोलाजी की पढ़ाई के लिए पिता की मदद ली है। एम्स और जिपमर की वह परीक्षा दे चुकी है।


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