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आचार्य भगवंत का सानिध्य सौभाग्य का सूचक: नित्यानंद

जैन धर्म के सर्वोच्च महापर्व पर्यूषण के चौथे दिन आत्म वल्लभ आराधना स्थल दरेसी रोड धर्म कमल हाल में ज्ञान प्रभाकर आचार्य श्रीमद विजय जयानंद सूरी म. ने मंगलाचरण किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 08:00 AM (IST)
आचार्य भगवंत का सानिध्य सौभाग्य का सूचक: नित्यानंद
आचार्य भगवंत का सानिध्य सौभाग्य का सूचक: नित्यानंद

संस, लुधियाना : जैन धर्म के सर्वोच्च महापर्व पर्यूषण के चौथे दिन आत्म वल्लभ आराधना स्थल दरेसी रोड धर्म कमल हाल में ज्ञान प्रभाकर आचार्य श्रीमद विजय जयानंद सूरी म. ने मंगलाचरण किया। सूत्र शिरोमणि श्री कल्पसूत्र को लाभार्थी परिवार श्री शांतिदास जुगमिंदर दास मयंक, मनीष जैन नवलक्खा जीरा वालों ने गाजे बाजे लेकर प्रवेश किया।

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सर्वप्रथम पांच ज्ञान की स्तृतियां हुई और वासक्षेप से सूत्र की पूजा की गई। तत्पश्चात अष्ट प्रकारी पूजा की गई। इसके पश्चात श्री कल्प सूत्र गुरु भगवंत गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद विजय नित्यानंद सूरीश्वर के कर कमलों में वोहराया गया। प्रवचन करते गच्छाधिपति म. ने कहा कि जिस प्रकार मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ नवकार महामंत्र है। तीर्थो में शत्रुंजय, पर्वतों में मेरु सर्वश्रेष्ठ है। उसी प्रकार सभी सूत्रों में सर्वश्रेष्ठ कल्पसूत्र है। अंतिम श्रृतकेवली श्री भद्र बाहु स्वामी ने 14 पूर्वो में से नवमें पूर्व से उसे संकलित किया है। इसका एक- एक अक्षर मंत्राक्षर है। कल्पसूत्र की महिमा का वर्णन करने के लिए केवल ज्ञानी भी असमर्थ है। जो कोई भव्य प्राणी 21 बार विधिपूर्वक इस कल्पसूत्र का श्रवण करते हैं, उनका मोक्ष निश्चित होता है। इस सूत्र में भगवान महावीर स्वामी, श्री आदि नाथ भगवान, श्री नेमिनाथ भगवान तथा श्री पा‌र्श्वनाथ भगवान का जीवन चरित्र वर्णित है। साधु साध्वी को जिन आचारों का पालन करना चाहिए, उनका सूचन भी इसमें किया गया है। आचार्य श्री ने कहा कि भगवान ने साधु को जो भी निर्देश दिए हैं, उसका पालन करने से उसकी मुक्ति अवश्य होगी। कल्पसूत्र में जहां तक लिखा गया है। कोई साधु की निंदा करे तो उसे संघ से निष्कासित करना चाहिए। साधु पद जैन शासन का धुरा है। साधु पद प्राप्त किए बिना कोई आचार्य, उपाध्याय या अरिहंत भी नहीं बन सकता।आचार्य भगवंत का सान्निध्य सौभाग्य का सूचक है। 14 महास्वप्न दर्शन तथा जन्म वांचन आज

गच्छाधिपति की निश्रा में दोपहर 2 बजे त्रिशला माता को तीर्थकर महावीर के गर्भ में आने पर जो 14 महास्वप्न दिखाई दिए, उन 14 स्वप्नों की बोलियां बोलकर उतारा जाएगा तथा सकल संघ को दर्शन कराएं जाएंगे। गच्छाधिपति के श्रीमुख से जन्म वाचन श्रवण करने के लिए बाहर से भी गुरु भक्त लुधियाना पहुंचेंगे। पालना जी को अपने निवास पर ले जाने का लक्की ड्रा निकाला जाएगा। रात्रि भक्ति भावना कीर्तन आराधना स्थल के बडे़ सभागार में किया जाएगा। 9 वर्षीय नमित जैन ने करवाए केश लोच

पर्यूषण पर्व में आचार्य श्री की प्रेरणा से श्रावकों में केश लोच करवाने की होड़ लगी है। इसी श्रृंखला में 9 वर्ष के बालक नमित जैन ने भी केश लोच करवाया।


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