सितंबर में शांत रहा 'टाइगर' मच्छर, अक्टूबर में अब तक 60 लोग अस्पताल में भर्ती Ludhiana News
सितंबर में शांत बैठे डेंगू मच्छर ने अक्टूबर के पहले आठ दिनों के भीतर ही 60 लोगों को अस्पताल पहुंचा दिया है।
लुधियाना, [आशा मेहता]। कहावत है कि दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले टाइगर मच्छर के मामले में लोग सावधानी बरतने को तैयार ही नहीं हैं। वह भी तब जब हर साल यह टाइगर मच्छर यानी कि एडीज एजिप्टी मच्छर खून में अपना जहर घोलकर डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोग फैलाकर लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है। सेहत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सितंबर में शांत बैठे डेंगू मच्छर ने अक्टूबर के पहले आठ दिनों के भीतर ही 60 लोगों को अस्पताल पहुंचा दिया है। अब तक विभाग ने डेंगू के 64 मरीजों की पुष्टि की है। इसमे से चार मरीज सितंबर में सामने आए थे।
अक्टूबर में डेंगू के बढ़े डंक से विभाग भी हरकत में आ गया है। हालांकि, विभाग ने इस बात से राहत भी ली है कि यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में कम है। पिछले साल 7 अक्टूबर तक डेंगू के करीब 110 मरीजों की पुष्टि हुई थी जबकि इस साल 7 अक्टूबर तक 64 मरीजों की पुष्टि हुई है।
दो लाख घरों में सर्वे, 1202 जगहों पर मिला लारवा
लोग अपने घरों में डेंगू मच्छर को पाल रहे हैं। सेहत विभाग डोर टू डोर सर्वे कर रहा है। जून में विभाग के एंटी लारवा ¨वग के कर्मचारियों को घरों से काफी ज्यादा डेंगू का लारवा मिला है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी से सात अक्तूबर तक विभिन्न इलाकों में 2,16,701 घरों में डोर टू डोर सर्वे किया। इस दौरान चार लाख 11 हजार 227 कूलरों की जांच की गई। जांच में 1202 जगहों पर लारवा मिला जिनकी संख्या लाखों में होगी। अगर विभाग ने घरों में से मिले लारवा को नष्ट नहीं किया होता तो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की बहुत बड़ी फौज खड़ी हो जाती और इसका खामियाजा शहर के लोग भुगतते।
कूलरों में मिल रहा सबसे ज्यादा लारवा
विभाग ने अब तक शहर में जितनी भी जगह सर्वे किया है, वहां लोगों के घरों में कूलर के अंदर ही एडीज एजिप्टी मच्छर का लारवा मिला है। सर्वे में 700 से अधिक कूलरों में लारवा पाया गया। डिस्ट्रिक्ट एपीडिमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार के मुताबिक सेहत विभाग की नसीहतों के बावजूद भी लोग अपने घरों मे कूलरों की सफाई नहीं कर रहे हैं।
मनी प्लांट की बोतल, बर्तन व पॉट्स में भी पल रहा मच्छर
डॉ. रमेश के अनुसार बहुत से लोग घरों में मनी प्लांट का पौधा लगाते है। ये पौधा ज्यादातर लोग कांच की छोटी बड़ी बोतलों, कांच के बर्तनों और अलग-अलग तरह के कांच व प्लास्टिक के पॉट्स में लगाते हैं। ज्यादातर लोग मनी प्लांट वाले पॉट के पानी को हफ्तों तक नही बदलते। इसका फायदा एडीज एजिप्टी मच्छर उठाते हैं और इस पौधे की आड़ में ब्रीडिंग करते रहते है। सर्वे में बहुत से घरों में मनी प्लांट वाले पॉट्स और कांच के बर्तनों से लारवा मिल चुका है।