पराली प्रबंधन के लिए ई-खेत एप करें इस्तेमाल, प्रशासन से मशीनरी के लिए करेगा मदद Ludhiana News
यह एप एंड्रॉयड फोन पर प्ले स्टोर से डाउनलोड की जा सकती है। इसमें जिला ब्लॉक एवं गांव स्तर पर सूचना मुहैया कराई गई है।
लुधियाना, जेएनएन। पराली से निपटने के लिए सूबा सरकार ने अपनी कोशिशें और तेज करते हुए किसानों को उनके नजदीक ही पराली प्रबंधन से संबंधित मशीनरी मुहैया कराने का निश्चय किया। इस संबंध में किसानों की सहुलियत के लिए एक मोबाइल ऐप ई-खेत जारी की गई। अब धान सीजन में यह एप किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी।
इस बाबत डीसी प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि यह मोबाइल एप पंजाब के रिमोट सें¨सग सेंटर की ओर से जारी की गई है। इसमें जिला लुधियाना में उपलब्ध सभी पराली प्रबंधन मशीनों का विवरण दर्ज है। यह एप एंड्रॉयड फोन पर प्ले स्टोर से डाउनलोड की जा सकती है। इसमें जिला, ब्लॉक एवं गांव स्तर पर सूचना मुहैया कराई गई है। डीसी ने कहा कि जरूरतमंद किसान अपनी जरूरत के अनुसार मशीनरी को इस एप पर सर्च कर सकता है। साथ ही नजदीकी केंद्र के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकता है।
किसान को जिस मशीनरी की जरूरत रहती है, उसके मालिक का नाम, फोन नंबर समेत हर जानकारी मिल जाती है, किसान वहां से मशीन ले सकता है। जिला लुधियाना की तीन हजार मशीनों का विवरण इसमें दर्ज है। डीसी ने कहा कि सूबे में 65 एकड़ से अधिक रकबे में धान लगाया गया है। जो बीस मिलियन टन पराली पैदा होगी। करीब पंद्रह मिलियन टन पराली खेतों में ही जला दी जाती है। एक टन पराली जलाने पर 5.5 किलो नाइट्रोजन, 2.3 किलो फासफोरस, 25 किलो पोटाशियम, 1.2 किलो सल्फर, चार सौ ग्राम आर्गेनिक सामग्री का नुकसान होता है। इसके अलावा मित्र कीड़ों की भी मौत हो जाती है। इससे वातावरण को भारी नुकसान होता है। मानव सेहत पर भी बुरा असर होता है। डीसी ने कहा कि किसानों को सस्ती दर पर मशीनरी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे स्वस्थ वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
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