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श्रमिकों की किल्लत ने बदल डाले खेती के तरीके, धान की बिजाई के लिए मशीनों का लेंगे सहारा

कोरोना वायरस के संकट ने जहां देश दुनिया की अर्थव्यवस्था व जनजीवन को प्रभावित किया है। पंजाब में धान के सीजन में खेती करने के तरीके को बदल कर रख दिया है।

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2020 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 10:11 AM (IST)
श्रमिकों की किल्लत ने बदल डाले खेती के तरीके, धान की बिजाई के लिए मशीनों का लेंगे सहारा
श्रमिकों की किल्लत ने बदल डाले खेती के तरीके, धान की बिजाई के लिए मशीनों का लेंगे सहारा

जगराओं, [बिंदु उप्पल]। कोरोना वायरस के संकट ने जहां देश दुनिया की अर्थव्यवस्था व जनजीवन को प्रभावित किया है। वहीं इस बार कोरोना महामारी ने पंजाब में धान के सीजन में खेती करने के तरीके को बदल कर रख दिया है। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. नरिंदर सिंह बैनीपाल ने बताया है कि इस बार सूबे में लगभग 30 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की बीजाई होनी है और उसमें से करीब चार से पांच लाख हेक्टेयर में मजदूरों की किल्लत के कारण धान की सीधी बीजाई होगी। पिछले वर्ष खेतीबाड़ी विभाग ने सूबे में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए किसानों को पहली बार धान की सीधी बीजाई के लिए प्रेरित किया था और इसके कारण 15 से 20 हजार हेक्टेयर में किसानों ने धान की सीधी बीजाई की थी। 

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वहीं इस बार कोरोना वायरस के मद्देनजर सूबे में से अन्य राज्यों के लगभग 70 प्रतिशत मजदूर अपने घरों को लौट चुके हैं। गेहूं का सीजन अब समाप्त हो चुका है और अब आगामी दिनों में धान की बीजाई के लिए मजदूरों की बहुत जरूरत है। उधर, इस बारे में धान की बीजाई को लेकर खेतीबाड़ी माहिर डॉ. बलदेव सिंह नार्थ ने बताया कि धान की सीधी बीजाई के लिए अधिक मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ती है। एक एकड़ में धान की सीधी बीजाई मशीन से करने पर काम 15 से 20 मिनट में हो जाता है। ऐसे में किसान मशीनों के जरिये खुद अपने परिवार के सदस्यों या एक-दो मजदूरों के साथ धान की पूरी बीजाई कर सकता है।

सूबे में करीब 70 हजार से अधिक मशीनें उपलब्ध: डॉ. बैनीपाल

जिला खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. नरिंदर सिंह बैनीपाल ने बताया कि सूबे में इस समय करीब 70 हजार से अधिक धान की सीधी बीजाई करने वाली मशीनें उपलब्ध हैं। इस बार जिला लुधियाना में मशीनों के लिए करीब 290 से अधिक आवेदन आए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या लगभग 13 ही थी। इसमें किसानों व कोआपरेटिव सोसायटियों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर धान की सीधी बीजाई की मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। एक मशीन की कीमत करीब 70 से 75 हजार रुपये है। फिलहाल, अभी किसी को सब्सिडी जारी नहीं की गई है।

भारी मिट्टी में कामयाब है मशीनें

डॉ. नरिंदर सिंह बैनीपाल ने बताया कि धान की सीधी बीजाई करने वाली मशीनें भारी मिट्टी में कामयाब हैं। यह हल्की व रेतीली मिट्टी में कामयाब नहीं है। धान की सीधी बीजाई करने से नदीनों की समस्या अधिक आ जाती है और इसके कारण फसल का उत्पादन कम होने के आसार होते हैं। इसलिए खेतीबाड़ी विभाग की ओर से किसानों को इस बार अपनी पूरी फसल में से कुछेक एकड़ फसल में धान की सीधी बीजाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।

इस बार कम रकबे में होगा धान

डॉ. बैनीपाल के अनुसार जिला लुधियाना में धान के तहत ढाई लाख हेक्टेयर है। मगर, इस बार यह रकबा सिर्फ दो लाख 10 हजार हेक्टेयर होने की उम्मीद है, क्योंकि जिले में पहले मक्की के तहत एरिया 4500 हेक्टेयर था, जिसे इस बार बढ़ाकर 25 हजार हेक्टेयर किया गया है। वहीं किसानों को बासमती के तहत 20 हजार हेक्टेयर एरिया कम करने के निर्देश दिए हैं। इसमें से कुछ एरिया में किसानों को कृषि विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए कपास बीजने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि धान के सीजन में मजदूरों की किल्लत से आ रही परेशानी से निपटा जाए। साथ ही गिरते भूजल स्तर पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाएगा।

किसानों को कर रहे हैं जागरूक: डॉ. गुरदीप सिंह

ब्लॉक खेतीबाड़ी अधिकारी जगराओं डॉ. गुरदीप सिंह ने बताया कि धान के सीजन में मजदूरों की किल्लत को देखते हुए किसानों को धान की सीधी बीजाई के लिए जागरूक किया जा रहा है। रोजाना विभाग की टीमें किसानों के खेतों में जाकर प्रशिक्षण सहित इसके फायदे व नुकसान के बारे में जागरूक कर रही हैं, ताकि इस संकट के समय में धान की बीजाई आसानी से हो सके।

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