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ओमिक्रोन अलर्ट: काेराेना के नए वैरिएंट के खतरे के बीच लुधियाना में वैक्सीनेशन पर ब्रेक, जानें कारण

Covid 19 Omicron Variant कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच वैक्सीनेशन और सैंपलिंग पर भी ब्रेक लग गई है। नवंबर तक जिले में रोजाना 150 से 250 वैक्सीनेशन कैंप लग रहे थे जो अब सिमट कर 20 से 50 के बीच रह गए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 08:26 AM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 08:26 AM (IST)
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच वैक्सीनेशन और सैंपलिंग पर भी ब्रेक लग गई है।

लुधियाना, [आशा मेहता]। Covid 19 Omicron Variantः पिछले एक माह से एनएचएम के तहत काम करने वाले करीब 1200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इस कारण जिले के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हैं। वहीं, वहीं कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच वैक्सीनेशन और सैंपलिंग पर भी ब्रेक लग गई है। नवंबर तक जिले में रोजाना 150 से 250 वैक्सीनेशन कैंप लग रहे थे, जो अब सिमट कर 20 से 50 के बीच रह गए हैं। यही नहीं नवंबर व दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक रोजाना कोरोना के एक से दो पाजिटिव मिल रहे थे लेकिन तीसरे सप्ताह से यह बढ़कर रोजाना छह से नौ तक हो गए हैं। जिले में नवंबर में पाजिटिविटी रेट भी 0.01 से 0.5 प्रतिशत था, जो अब 0.29 तक पहुंच गया है।

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99.60 फीसद आबादी को पहली व 48 प्रतिशत को दूसरी डोज लगी

जिले में अब तक 99.60 प्रतिशत लोगों को पहली डोज लग चुकी है, जबकि केवल 48 प्रतिशत लोगों को ही दोनों डोज लगी है। दूसरी डोज की पेंडेंसी बढ़कर अब साढ़े नौ लाख तक पहुंच गई है। इसकी बड़ी वजह जरूरत के मुताबिक कैंप न लगना है।

वैक्सीन लगवाने पहुंचे 900 से अधिक लोग, 300 निराश लौटे

मंदर एंड चाइल्ड अस्पताल में पहली मंजिल पर बनाए वैक्सीनेशन सेंटर में सोमवार को वैक्सीन की डोज लगवाने के लिए 900 से अधिक लोग पहुंचे। दोपहर बाद तीन बजे तक कर्मचारियों ने करीब 650 लोगों को वैक्सीन लगा दी। इसके बाद कर्मचारियों ने कहा कि वैक्सीनेशन का समय और डोज खत्म हो गई है। कई घंटे लाइन में लगे लोग इस पर भड़क गए। कुछ लोगों ने बताया कि वह तीन-चार दिन से आ रहे हैं लेकिन रोज उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है। गौरतलब है कि सेहत विभाग के पास वैक्सीन की दो लाख से अधिक डोज है लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कैंप बहुत कम लग पा रहे हैं।

मैनपावर की कमी से कम लगे कैंप

मैनपावर की कमी की वजह से वैक्सीनेशन को काफी नुकसान पहुंचा है। 90 प्रतिशत स्टाफ हड़ताल पर है। यही हाल टेस्टिंग में भी है। हम चाहते तो हैं कि टेस्टिंग व वैक्सीनेशन बढ़े, लेकिन हड़ताल खत्म होने तक कुछ नहीं कर सकते। -डा. एसपी सिंह, सिविल सर्जन


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