माछीवाड़ा की धरती में पेट्रो पदार्थ ढूंढने आई टीम, जमीन के 150 फीट नीचे किया जाएगा धमाका Ludhiana News
कुछ महीने पहले यहां पास के गांव झड़ौदी लक्खोवाल और रतिपुर के निकट जमीन में सर्वे किया गया था। इनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
श्री माछीवाड़ा साहिब, जेएनएन। माछीवाड़ा के आसपास कई गांवों में धरती के नीचे पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना है। इसको लेकर भारत सरकार की कंपनी ओएनजीसी द्वारा एक प्राइवेट कंपनी को ठेका देकर यह जानकारी एकत्र की जा रही है कि किस जगह पर पैट्रोलियम पदार्थों की कितनी मात्रा है। कुछ महीने पहले यहां पास के गांव झड़ौदी, लक्खोवाल और रतिपुर के निकट जमीन में सर्वे किया गया था। इनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। वीरवार को फिर अल्फा जीईओ इंडिया के अधिकारियों की तरफ से सतलुज दरिया के निकट गांव फस्से जिला रूपनगर से धरती के नीचे धमाका कर तेल की खोज के लिए सर्वे शुरू किया गया।
कंपनी के भूपिंदर सिंह और अंबिका प्रसाद चौधरी ने बताया कि यह टू डी प्रोजेक्ट है। इसके तहत वे जमीन के नीचे करीब 100 से 150 फीट तक बोर करते हैं और फिर उसमें धमाका किया जाता है। इसकी रिपोर्ट हैदराबाद लैब में भेजी जाएगी। फिर करीब 8 से 9 महीने के बाद ही पूरी जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि इसके बाद वे थ्री डी प्रोजेक्ट शुरू करेंगे जिसकी रिपोर्ट तुरंत तैयार हो जाती है।
किसानों ने किया प्रोजेक्ट का विरोध
कंपनी के अधिकारियों ने वीरवार को गांव शेरपुर बेट में एक किसान सुच्चा सिंह पाबला के खेत में यह प्रोजेक्ट शुरू ही किया था कि किसान ने उसका विरोध कर दिया। किसान ने बताया कि उसने गेहूं की बिजाई की हुई थी जिसका काफी नुकसान हुआ है। किसान के विरोध करने पर कंपनी के अधिकारियों ने उसकी जमीन से मशीनें हटा दीं और जितना उसकी फसल का नुकसान हुआ, उसकी मिनती करके क्लेम फार्म भर दिया गया। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि किसान के हुए नुकसान की भरपाई जल्द ही कर दी जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील कि वे उनके काम में सहयोग दें। उनका फसल का नुकसान जो होगा, उसकी कंपनी द्वारा भरपाई कर दी जाती है। गांव फस्से जिला रूपनगर से संगरूर तक सर्वे कंपनी के अधिकारी ने बताया कि पूरे देश में हमारा करीब 58 स्थानों पर काम चल रहा है। इसमें अभी अमेठी में जमीन के नीचे तेल की संभावना पैदा हुई है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट तहत वे गांव फस्से जिला रूपनगर से संगरूर तक सर्वे करेंगे जो नीलों, दोराहा से होकर जाएगा। इस सारे काम की एक फिलोपी तैयार कर हैदराबाद लैब में भेज दी जाएगी।
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