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Coronavirus से पहली मौत के बाद सिविल अस्‍पताल कई भागों में बांटा, अब एमसीएच में बनेगी पर्ची

पर्ची काउंटर को अब मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। ओपीडी ब्लॉक के चिकित्सकों से जांच करवाने के लिए आने वाले मरीजों की पर्ची अब एमसीएच में बनेंगी।

By SatpaulEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 09:26 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 05:00 PM (IST)
Coronavirus से पहली मौत के बाद सिविल अस्‍पताल कई भागों में बांटा, अब एमसीएच में बनेगी पर्ची
Coronavirus से पहली मौत के बाद सिविल अस्‍पताल कई भागों में बांटा, अब एमसीएच में बनेगी पर्ची

लुधियाना, जेएनएन। जिले में कोरोना से पहली मौत होने के बाद सिविल अस्पताल प्रशासन भी जाग गया है। उसने अस्पताल को अलग-अलग कई भागों में बांट दिया ताकि संक्रमण न फैले। पुरानी बिल्डिंग के पर्ची काउंटर और ओपीडी ब्लॉक को दो भागों में बांट दिया।

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पर्ची काउंटर को अब मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। ओपीडी ब्लॉक के चिकित्सकों से जांच करवाने के लिए आने वाले मरीजों की पर्ची अब एमसीएच में बनेंगी। पर्ची बनवाने के बाद मरीज को ओपीडी ब्लॉक में जाने के लिए गेट नंबर दो का इस्तेमाल करना पड़ेगा। क्योंकि पुरानी बिलिडंग के पर्ची काउंटर से ओपीडी ब्लॉक की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद किया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रामा वॉर्ड व इमरजेंसी को ओपीडी ब्लॉक के रास्ते से अलग किया जा रहा है।

पुरानी बिल्डिंग के मेल व फीमेल वार्ड समेत सभी वार्डों को आइसोलेशन के लिए रिजर्व कर दिया गया। एसएमओ के अनुसार अब फ्लू कॉर्नर पर अब जितने भी खांसी, जुकाम, बुखार और विदेशी ट्रेवल हिस्ट्री वाले लोग आएंगे, तो उन्हें रिजर्व किए वार्ड में भर्ती करके इलाज किया जाएगा। इनमें से गंभीर मरीजों को आइसोलेशन वार्ड और अत्याधिक गंभीर को सीएमसीएच में भर्ती किया जाएगा। ट्रामा वार्ड को खाली कराने के लिए वहां के मरीजों को एमसीएच की दूसरी मंजिल पर अलग से वार्ड की व्यवस्था की गई है। एसएमओ के अनुसार यह व्यवस्था कोरोना संदिग्ध और सामान्य मरीजों को अलग रखने के लिए की गई है। इससे वे सामान्य मरीजों के संपर्क में नहीं आएंगे।

ओपीडी में मंगलवार को कम आए मरीज

सिविल अस्पताल में मंगलवार को सामान्य से बेहद कम मरीज आए। आमतौर पर सिविल अस्पताल में रूटीन में आठ सौ से एक हजार के बीच मरीज पहुंचते हैं, लेकिन महिला की मौत के बाद अस्पताल की ओपीडी एकाएक घटकर 380 तक रह गई। पर्ची काउंटर के कर्मचारियों का कहना था कि इतनी कम ओपीडी कभी नहीं आई।

कोरोना पॉजीटिव मृतका के संपर्क में आया स्टाफ ड्यूटी से कतरा रहे

सिविल अस्पताल की इमरजेंसी, ट्रोमा वार्ड व आइसोलेशन वार्ड में जो-जो स्टाफ कोरोना पॉजीटिव मृतक महिला के संपर्क में आया था, उनमें मंगलवार को डर रहा। रविवार व सोमवार को इमरजेंसी में कार्यरत इमएमओ, नर्सिंग स्टाफ व क्लास फोर्थ कर्मियों ने एसएमओ से कहा है कि वह सभी कोरोना पॉजीटिव महिला के संपर्क में आएं हैं। ऐसे में उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाए और उनके सैंपल लेकर जांच की जाए। इसके साथ ही स्टाफ ने पीपीई किट हेजमेट सूट की भी मांग की। स्टाफ का कहना था कि एसएमओ ने होम क्वारंटाइन व पीपीई व हेजमेट सूट को लेकर साफ मना कर दिया और डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट से बात करने को कहा। हालांकि, जब इस संबंध में एसएमओ डॉ. रवि दत से बात की तो उनका कहना था कि हमने कुछ स्टाफ को होम क्वारंटाइन किया है। एसएमओ डॉ. रवि ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार इमरजेंसी के स्टाफ को पीपीई किट व हैजमेट सूट उपलब्ध करवाने के निर्देश नहीं है। यह सूट व किट केवल आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ को देने के निर्देश हैं।

इमरजेंसी स्टाफ को एन 95 मास्क दिए, धोकर पहनने को कहा

जानकारी के अनुसार मंगलवार को इमरजेंसी, ट्रामा सहित साथ के वार्ड में कार्यरत ईएमओ व दूसरे चिकित्सकों के साथ नर्सिंग स्टाफ व क्लासफोर्थ कर्मियों को एन-95 मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए गए। यह भी पता लगा है कि जिन-जिन लोगों को मास्क उपलब्ध करवाए हैं, उन्हें यह भी कहा है कि रोज-रोज मास्क नहीं दिए जाएंगे, जो दिए हैं, उसे धोकर पहनें। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि एन-95 मास्क लिमिट में भेजे गए हैं। हालांकि, एसएमओ डॉ. रवि दत्त का कहना है कि अस्पताल में पर्याप्त मास्क हैं और सभी को दिए जा रहे हैं।

सिविल अस्पताल में आने वाली डेड बॉडी भी आई संदेह के घेरे में

जानकारी के मुताबिक सिविल अस्पताल की मोर्चरी में आने वाला शव भी अब संदेह के घेरे में है। सेहत विभाग की तरफ से मोर्चरी में पड़े शव से संक्रमण की आशंका को देखते हुए अब इन्हें विशेष तरह के बैग में रखने को लेकर बात हो रही है। बैग के लिए जिला प्रशासन ने एक एनजीओ से भी संपर्क किया है। 

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