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पर्यावरण सरंक्षण पर चीन के सख्त रुख से भारतीय उद्योग में उथल-पुथल

विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था चीन ने भी अब पर्यावरण सरंक्षण के लिए नियमों को कड़ा कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 01:16 PM (IST)
पर्यावरण सरंक्षण पर चीन के सख्त रुख से भारतीय उद्योग में उथल-पुथल
पर्यावरण सरंक्षण पर चीन के सख्त रुख से भारतीय उद्योग में उथल-पुथल

मुनीश शर्मा, लुधियाना : पर्यावरण सरंक्षण को लेकर विश्व भर में हर कोई सजग हो रहा है और ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरों से निपटने और पानी के गिरते स्तर को बचाने के लिए प्रयास आरंभ हो गए हैं। इसको लेकर जहा भारत में पर्यावरण सरंक्षण पर सख्ती से काम किया जा रहा है। वहीं विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था चीन ने भी अब पर्यावरण सरंक्षण के लिए नियमों को कड़ा कर दिया है। इसका असर भारतीय उद्योगों पर दिखने लगा है। चीन से आयात होने वाले कच्चे माल के दामों में भारी इजाफा हो गया है। इसमें डाइज एवं कैमिकल के साथ स्टील युनिट शामिल है। अब भारतीय कंपनियों की ओर से मटीरियल की शार्टेज के चलते दाम बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में आने वाले समय में गारमेंट्स और स्टील से जुड़े उत्पाद महंगे हो सकते हैं। इस समय इंडस्ट्री को कैमीकल, डाइज एंव धागे के लिए दो चार होना पड़ रहा है। वहीं स्टील कंपनियों को कच्चे माल के लिए दो चार होना पड़ रहा है। चार माह में चार रुपये स्टील हुआ महंगा

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इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के प्रधान केके गर्ग के मुताबिक यह दौर इंडस्ट्री के लिए बेहद खराब है। चार माह में चार रुपये स्टील प्रति किलो बढ़ चुका है। इसके साथ ही कच्चे माल के लिए इंडस्ट्री को दो चार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को चीन से आने वाले फिनिशड गुड्स पर रोक लगानी चाहिए ताकि भारतीय इंडस्ट्री को प्रोत्साहन मिल सके। इसके साथ ही स्टील के दामों को निरधारित करने को स्टील रैगुलेटरी अथारिटी का निर्माण करना चाहिए। चीन से उत्पाद से भारतीय साइकिल महंगा

आरआर बाइक के एमडी राजीव जैन के मुताबिक चीन से आने वाले कंपलीट साइकिल के महंगा होने से जहा भारतीय साइकिल उद्योग को लाभ हुआ है। वहीं छोटे साइकिल कलपुर्जे जो चीन से आयात किए जाते हैं, वह महंगे हो गए हैं। ज्ञात हो कि भारत में बन रहे फैंसी साइकिल में सबसे अहम रोल चीन से कलपुर्जो का रहता है। ऐसे अब भारतीय कंपनियों के पास अच्छा मौका है कि यहीं पर बेहतर डेव्लप पर मेक इन इंडिया को अग्रसर किया जा सकता है। अब इनोवेशन कर कंपनियों घरेलू बाजार के साथ साथ विदेशी बाजार में भी बेहतर कंपीटिशन कर सकती है। डाइज एवं कैमिकल के दाम दो गुणा हुए

गुलाब डाइंग के डायरेक्टर राहुल वर्मा के मुताबिक डाइज एंव कैमिकल के दामों में पचास प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा किल्लत पोलिस्टिर डाइज, एक्त्रेलिक डाइज और बेसिक कैमिकल में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है। भारतीय कंपनिया कॉटन डाइज में सबसे अव्वल थी। लेकिन इसका कच्चा माल भी चीन से आने के चलते अब इसकी किल्लत भी बनने लगी है और इसके दाम भी आसमान छू रहें हैं।


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