'मोदीखाना' के खिलाफ रोष, सभी केमिस्टों से कहा- इनको दवाइयां न देना
सस्ते दामों पर दवाई उपलब्ध करवाने वाली केमिस्ट शॉप मोदीखाना पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। पिंडी स्ट्रीट में दवा विक्रेताओं ने मोदीखाना का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। शहर में 'मोदीखाना' के नाम से एक केमिस्ट शॉप क्या खुली, पंजाब की सबसे बड़ी होलसेल दवा मार्केट पिंडी स्ट्रीट में डर पैदा हो गया। बात सिर्फ इतनी सी है कि मोदीखाना में लोगों को खरीद मूल्य पर दवा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसका उद्देश्य लोगों को सस्ते में दवा उपलब्ध करवाना है। पिंडी स्ट्रीट के प्रधान का कहना था कि मोदीखाना के संचालक ने दवा विक्रेताओं को चोर कहा है, इसलिए कोई भी होलसेलर उसे दवा सप्लाई नहीं करेगा। इसके लिए बाकायदा बाजार में अनाउंसमेंट करवाई गई कि यदि किसी ने भी मोदीखाना को माल दिया तो उसे एसोसिएशन से बाहर कर दिया जाएगा। फिर क्या था, मोदीखाना को दवाएं बेचने वाले होलसेलर ने दवा की सप्लाई से इन्कार कर दिया। यही नहीं, रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन ने भी प्रत्येक दुकान में जाकर आग्रह किया कि मोदीखाना को माल न दें, अन्यथा उनकी ही बिक्री ठप होकर रह जाएगी।
हमें सर्टिफिकेट दे दो
लॉकडाउन के दौरान पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सड़कों पर दिन-रात ड्यूटी करने वाले करीब ग्यारह सौ वॉलंटियर्स को पहले तो वíदया दी गईं। फिर उन्हें पुलिस की टी-शर्ट मिली। इससे वॉलंटियर्स का उत्साह बढ़ गया। इस दौरान वॉलंटियर्स के दो वाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे। ड्यूटी पर पहुंचने और उसके बाद ड्यूटी समाप्त होने पर वह उसमें अपनी लोकेशन के साथ तस्वीर डालते थे। इससे पता चलता था कि वॉलंटियर्स अमुक स्थान पर ड्यूटी कर रहा है। लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद उनको पुलिस विभाग की तरफ से सíटफिकेट दिए जाने थे, मगर अभी ऐसा नहीं हुआ। जिस ग्रुप में वह अपनी ड्यूटी की जानकारी अपडेट करते थे, उसमें अब वे सर्टिफिकेट की माग करते हुए अपने इंचार्ज को लिख रहे हैं कि हमें अब सर्टिफिकेट दे दीजिए। एक वॉलंटियर राजवीर ने कहा कि सíटफिकेट उनकी उपलब्धि है, इसलिए वह इसकी माग कर रहे हैं।
नकली माल किया गायब
आपने बाजार में अकसर मिलावटी खाद्य पदार्थ बिकते सुना होगा, मगर अब तो सिगरेट और बीड़ी भी नकली मिलने लगी है। कुछ ऐसा ही माजरा साबुन बाजार में देखने को मिला, जहा एक व्यापारी नकली बीड़ियां और सिगरेट बेच रहा था। दरअसल, शहर के सुरेश शर्मा ने वहा से बीड़ी ली। जब उसे पता चला कि यह नकली है तो वह उस दुकानदार के पास गया। दुकानदार ने उसे भला बुरा कहकर वहा से चलता कर दिया। सुरेश एक नेता का जानकार था। उसने नेता जी को सारी बात बताई और वह सीधे पुलिस कमिश्नर के पहुंच गए। सीपी ने सारी कहानी सुनने के बाद जाच पुलिस अधिकारी को सौंपी। उसके बाद थाने की टीम ने छापा मारा और दुकानदार से काफी मात्रा में नकली सामान बरामद किया। मामला थाने पहुंचा और व्यापारी को देर शाम छोड़ दिया गया, लेकिन पकड़ा माल कहा गायब हुआ, यह किसी को पता नहीं।
पहले बढ़ाए, फिर घटाए
लॉकडाउन से पहले शहर के शराब के ठेकों की नीलामी हुई थी, लेकिन कर्फ्यू लग जाने से नए ठेके खुल ही नहीं पाए थे। इसके बाद जब देश के अन्य राज्यों में ठेके खुले और उसमें शराबियों की भीड़ उमड़ी तो पंजाब सरकार ने भी ठेके खोलने की इजाजत दे दी। ठेकेदारों ने ठेके तो खोले, लेकिन यहा उम्मीद के मुताबिक, भीड़ नहीं आई तो वह मायूस हो गए, क्योंकि भारी भरकम लाइसेंस फीस जो जमा करवानी थी। इसके बाद ठेकों पर बीयर की कीमत 200 रुपये तक कर दी गई। ठेकेदारों को लगा कि अब उनकी कमाई बढ़ जाएगी, लेकिन इसका उल्टा हुआ। बीयर की बिक्री कम हो गई। ठेकेदारों ने खुद को फंसा देख आनन-फानन में बैठक बुलाई। फिर फैसला करते हुए कीमत घटाकर 150 कर दी। एक ठेके के संचालक राजीव ने कहा कि कीमत घटाने के बाद अब फिर से बीयर की माग बढ़ गई है।