Income Tax Department और Punjab Police में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे 60 लाख रुपये
होशियारपुर के ठग ने पीड़ितों से इनकम टैक्स में इंस्पेक्टर और पुलिस में कांस्टेबल भर्ती करवाने के नाम पर पैसे लिए थे।
जेएनएन, लुधियाना। इनकम टैक्स और पंजाब पुलिस में भर्ती करवाने के नाम पर होशियारपुर के एक व्यक्ति ने कोहाड़ा के आठ लोगों से 60 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठग ने पीड़ितों से इनकम टैक्स में इंस्पेक्टर और पुलिस में कांस्टेबल भर्ती करवाने के नाम पर पैसे लिए थे। आरोपित ने पीड़ितों को ऑफिस कार्ड व वर्दियां तक बनवाकर दे दी थीं। साथ ही अपना रसूख दिखाने के लिए कई-कई घंटे सीपी कार्यालय में बिताता था। पुलिस आरोपित व उसके दो साथियों की तलाश कर रही है।
यह मामला 2018 का है और केस अब जाकर दर्ज हुआ है। गांव मेहलों निवासी चरणजीत सिंह ने सीपी सुखचैन सिंह गिल को शिकायत दी कि वह भतीजे के साथ इनकम टैक्स में दिए पेपर की जांच के लिए चंडीगढ़ गया था। यहां पर गुरप्रीत सिंह मिला, जिसने खुद को इनकम टैक्स विभाग में इंक्वायरी अफसर बताया और कहा कि वह उनके भतीजे जगबीर सिंह को इनकम टैक्स में भर्ती करवा सकता है। उसने उसका इनकम टैक्स कार्यालय की पार्किंग में ही दोबारा से टेस्ट लिया और कहा कि वह इसे परीक्षा पत्रों में शामिल करवा देगा। इसके लिए उनसे 25 लाख रुपये की मांग की थी और उसे 24 लाख रुपये दे दिए गए। उसने उसे लुधियाना के रिशी नगर ब्रांच में तैनात करवाने का भरोसा दिलाया था।
यही नहीं, इसके बाद उसने उनके ही रिश्तेदार गुरदीप सिंह को भी इनकम टैक्स के मुख्य कार्यालय में तैनात करवाने के लिए 23 लाख रुपये लिए थे। इस दौरान पैसे लेने के बाद उसने उन्हें जाली आइडी कार्ड भी फोटो खींचने के लिए दे दिए थे। जब यह बात चल रही थी तो उसने बताया कि उसकी पहुंच पुलिस विभाग में भी है और वह पुलिस में भर्ती करवा सकता है। इस दौरान हरबंस सिंह को कांस्टेबल भर्ती करवाने के लिए 7 लाख, रछवीर सिंह से छह लाख और गगनदीप सिंह से 6 लाख, बलविंदर सिंह से 6 लाख, अर्शदीप सिंह डेढ़ लाख और हरकिरन सिंह से 6 लाख रुपये ले लिए। आरोपित ने पीड़ितों को पुलिस की वर्दी भी दिलवाई। कुछ को तो आइ कार्ड भी थमा दिए गए। इसके बाद जब ज्वॉइनिंग नहीं हुई तो लोगों ने आरोपित को फोन करना शुरू कर दिया। गुरप्रीत ने फोन उठाना बंद कर दिया और लोगों को पैसे-देने के लिए आज कल लगाता रहा। थाना कूमकलां में गुरप्रीत सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
सीपी ऑफिस की पार्किंग में होता था पैसों का लेन-देन
पैसों का ज्यादातर लेन-देन कमिश्नर ऑफ पुलिस की पार्किंग में होता था। गुरप्रीत सिंह पैसे लेकर कई-कई घंटे कमिश्नर कार्यालय में रहता था और वापस आकर बोलता था कि बात हो गई है, अब बस सभी को फिल्लौर में ट्रेनिंग पर भेजना है। सबको उनकी यूनीफार्म तक दिखाई थी और आइ कार्ड भी बनाकर दिए थे।
जतिन और प्रदीप तनेजा की तलाश में पुलिस
जांच में शामिल होते समय गुरप्रीत सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसके दो और साथी जतिन देव और प्रदीप तनेजा हैं। सारे पैसे उनके पास हैं। वह सिर्फ मोहरा भर है, असली खेल यही लोग खेलते हैं, इनकी ओर से ही उससे पैसे लिए गए थे। अब पुलिस उसकी तलाश में भी जुट गई है।
करोड़ से भी ऊपर की है ठगी
शिकायतकर्ता चरणजीत सिंह का कहना है कि वह उनके जानकारों से करोड़ से भी ज्यादा की ठगी कर चुका है, जिसके सबूत भी पुलिस को दिए गए हैं, जिसकी जांच की जा रही है।
फिरोजपुर में भी दर्ज हैं आपराधिक केस
गुरप्रीत सिंह के खिलाफ फिरोजपुर कैंट में भी 10 मई को आपराधिक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उसे गिरफ्तार किया गया था, पुलिस ने उसे जेल से लाकर ही कार्रवाई में शामिल किया था और उसके बयान दर्ज किए थे, मगर अब वह जमानत पर बाहर बताया जा रहा है।
जल्द गिरफ्त में होंगे आरोपित: जांच अधिकारी
कूमकलां थाना के एएसआइ अमरजीत सिंह का कहना है कि हमने गुरप्रीत सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। गिरफ्तारी के लिए उसके गांव में छापेमारी कर चुके हैं, मगर वह नहीं मिला है। हम फिरोजपुर जेल अधिकारियों से भी बात करेंगे और उसे जल्द काबू कर लिया जाएगा।