हंसमुख स्वभाव हर क्षेत्र में कामयाबी दिलाता है: मुनि पीयूष
सिविल लाइंस जैन स्थानक में उप प्रवर्तक श्री पीयूष मुनि महाराज के सानिध्य में चातुर्मास सभा का अंतिम चरण शुरू हो गया है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं गुरुदेव से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। आज की सभा में पीयूष मुनि ने कहा कि हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति की ओर सभी सहज ही आकर्षित हो जाते है।
संस, लुधियाना : सिविल लाइंस जैन स्थानक में उप प्रवर्तक श्री पीयूष मुनि महाराज के सानिध्य में चातुर्मास सभा का अंतिम चरण शुरू हो गया है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं गुरुदेव से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। आज की सभा में पीयूष मुनि ने कहा कि हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति की ओर सभी सहज ही आकर्षित हो जाते है। स्नेहपूर्वक मुस्कराते हुए किसी को देखने से उसके मन में अपने प्रति अपने पन की गहरी भावना उत्पन्न हो जाती है। मुस्कान का चमत्कार जादू की तरह तुरंत असर करता है। मुस्कान देने वाला दरिद्र नहीं होता और उसे पाने वाला तो मालामाल हो जाता है। हर व्यक्ति प्रसन्नता से भरा पूरा रहकर अपने परिवार तथा समाज को आनंदमय बना सकता है। क्रोधी ओर चिड़चिड़ा व्यक्ति जीवन के आनंद स्त्रोत को सुखा डालता है। हंसमुख व्यक्ति घर को स्वर्ग बनाता है। ईष्र्यालु तथा मुंहफट व्यक्ति घर को नरक में बदल देता है। वह अपनी मधुर वाणी से जीवन को अमृतमय बनाता है, उसकी आंखों से आनंद झलकता है। उसकी हंसी में निराशा को मिटाने की अपूर्व शक्ति रहती है। वह स्वयं बडे़ से बड़ा दुख होठों पर मुस्कुराहट लिए हुए सहन कर लेता है। मुनि श्री ने कहा कि पढ़ाने वाला शिक्षक का भी हंसमुख होना जरूरी है। कभी भी न हंसने वाले शिक्षक से छात्र कांपते रहते हैं। भय के कारण वे ठीक तरह पढ़ अथवा पाठ याद नहीं कर पाते। डांट फटकार और मारपीट के भय का भूत उनके दिमाग पर हावी रहता है। हंसते मुस्कराते पढ़ाने वाले अध्यापक द्वारा पढ़ाया एक एक पाठ तथा सिखाई हुई एक-एक कला छात्रों के दिमाग में टिक जाती है। प्रसन्नता के गुण से जीवन आनंद से पूर्ति हो जाता है।