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CBSE Result: लुधियाना में बेटियों ने किया कमाल, हर स्ट्रीम में मारी बाजी

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से वीरवार को बाहरवीं का नतीजा घोषित कर दिया गया।

By Edited By: Published: Fri, 03 May 2019 05:45 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 11:45 AM (IST)
CBSE Result: लुधियाना में बेटियों ने किया कमाल, हर स्ट्रीम में मारी बाजी
CBSE Result: लुधियाना में बेटियों ने किया कमाल, हर स्ट्रीम में मारी बाजी

जेएनएन, लुधियाना। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से वीरवार को बाहरवीं का नतीजा घोषित कर दिया गया। इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी। छात्राओं ने सभी स्ट्रीम में सिटी में टॉप करके परचम लहराया है। आ‌र्ट्स स्ट्रीम में किदवई नगर स्थित आत्म देवकी निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा विनायका शर्मा ने 99 प्रतिशत अंक लेकर टॉप किया। मेडिकल में बीसीएम शास्त्री नगर स्कूल की छात्रा मिलनप्रीत कौर ने 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सिटी में टॉप किया, जबकि नॉन मेडिकल में सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल सराभा नगर की अनुष्का चौधरी ने 98.2 प्रतिशत अंक लेकर सिटी में टॉप किया।

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वहीं कॉमर्स में भी सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बीआरएस नगर की आईना मक्कड़ व डीएवी बीआरएस नगर की रिधिमा सिंगला ने 98.4 प्रतिशत अंक लेकर सिटी टॉप किया है। इन सभी छात्राओं के सिटी में टॉप करने पर स्कूल में उत्सव जैसा माहौल था। टॉपर छात्राओं का ढोल की थाप के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान छात्राओं के साथ प्रिंसिपल, स्टाफ व पेरेंट्स भी मौजूद रहे। सिटी में टॉप करने वाली छात्राओं ने अच्छे अंक लाने के लिए दिन रात मेहनत की। किसी ने स्कूल के अलावा घर पर तीन से चार घंटे पढ़ाई की, तो किसी ने परीक्षा की तैयारी के लिए साल भर सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी।  

पिता ने बेटी के टॉप करने की पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी

नाम: विनायका शर्मा

स्कूल: आत्म देवकी निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल

स्ट्रीम : आ‌र्ट्स

अंक:  99 प्रतिशत

पिता: राजेश शर्मा(एस्ट्रोलॉजर)

मां: विनोद शर्मा (हाउस वाइफ)

लक्ष्य: जर्नलिस्ट बनना

विनायका ने उपलब्धि का श्रेय टीचर व पेरेंट्स को दिया है। विनायका के सोशोलाजी, हिंदी में 100 अंक, होम साइंस में 99, पॉलीटिकल साइंस व इंग्लिश में 98 अंक हैं। विनायका ने कहा कि उसे उम्मीद नहीं थी कि वह 99 प्रतिशत अंक प्राप्त करेगी। उसे लग रहा था कि 90 प्रतिशत से अधिक अंक आएंगे। उसने बताया कि अच्छे अंक लाने के लिए उसने खुद को सोशल मीडिया से दूर रखा। रोजाना घर पर पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थी। एग्जाम में कभी तनाव नहीं लिया। डाइट पर विशेष ध्यान दिया। फास्ट फूड बिलकुल नहीं खाया। पेशे से एस्ट्रोलॉजर विनायका के पिता विनोद शर्मा को यकीन था कि बेटी टॉप करेगी। विनायका के दसवीं में कम नंबर आए थे। उसने मेहनत की और 11वीं में भी टॉप किया।

एक साल तक फोन व सोशल मीडिया से बनाए रखी दूरी

नाम: अनुष्का चौधरी

स्कूल: सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, सराभा नगर

स्ट्रीम: नॉन मेडिकल

अंक: 98. 2 प्रतिशत

पिता: संजीव चौधरी (कंसल्टेंट)

माता: अंजना चौधरी (शिक्षिका )

लक्ष्य: सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना

अनुष्का ने बताया कि उन्हें इसी तरह के परिणाम की उम्मीद थी। बारहवीं बोर्ड एग्जाम में टॉप करने के लिए उन्होंने एक साल तक फोन व सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी, जिससे कि ध्यान न भटके। टीचर्स की गाइडेंस को फॉलो करके रेगुलर स्टडी की। मां अंजना सेक्रेट हार्ट कॉन्वेंट स्कूल सराभा नगर में टीचर हैं। उनका सपोर्ट मिला। हर सब्जेक्ट को फोकस कर पढ़ा। स्कूल के टीचर से पूरा सपोर्ट मिला। जब कभी भी किसी सबजेक्ट में कंफ्यूजन होती तो टीचर गाइड करते। वह रात दिन पढ़ाई करती रही है।

कभी भी पढ़ाई स्ट्रेस व प्रेशर लेकर नहीं की

नाम: आइना मक्कड़

स्कूल: सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बीआरएस नगर

स्ट्रीम: कॉमर्स अंक- 98.4 प्रतिशत

पिता: प्रदीप मक्कड़ (सीए)

माता:  (हाउस वाइफ)

लक्ष्य: सीए बनना

आइना मक्कड़ ने कहा कि बारहवीं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए उसने काफी मेहनत की। हालांकि कभी भी पढ़ाई स्ट्रेस व प्रेशर लेकर नहीं की। जो पढ़ा, उसे पूरा फोकस होकर और समझ कर। पढ़ाई को लेकर कोई फिक्स्ड शेडयूल नहीं बनाया। आइना ने कहा कि उन्हें यह तो उम्मीद थी कि अच्छे मा‌र्क्स आ जाएंगे, लेकिन सिटी में टॉप करेगी यह उम्मीद नहीं थी। आइना ने कहा कि परीक्षा स्ट्रेस फ्री होकर देनी चाहिए।  

ग्यारहवीं तक सेल्फ स्टडी की, टीवी की तरफ कभी नहीं देखा

नाम: रिधम सिंगला

स्कूल: डीएवी बीआरएस नगर

अंक: 98.4 प्रतिशत

स्ट्रीम: काॅमर्स

पिता: राजन सिंगला (बिजनेसमैन)

मां: अनुपम सिंगला (बिजनेस वुमेन)

लक्ष्य: सफल आंत्रप्रेन्योर बनना

अहमदगढ़ से डेली अपडाउन करके स्कूल आने वाली रिधम सिंहगला ने बताया कि स्कूल के अलावा रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थीं। सोशल मीडिया से हमेशा दूर रहीं। टीवी की तरफ कभी देखा नहीं। ग्यारहवीं तक तो सेल्फ स्टडी की। बारहवीं में मैथ व अकाउंट की को¨चग रखी। रिधम कहती हैं कि उसने बारहवीं कक्षा में आते ही अपना गोल फिक्स कर लिया था कि उसे श्रीराम कॉमर्स कालेज दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना था। पढ़ाई का प्रेशर नहीं लिया। रिधम कहती हैं कि वह अपनी कंपनी शुरू करके लोगों को जॉब देना चाहती हैं। रिधम ने कहा कि कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं। बशर्ते अगर लक्ष्य निर्धारित किया हो।

नहीं ली ट्यूशन, जब भी टाइम मिला सेल्फ स्टडी की

नाम: मिलनप्रीत कौर

स्कूल: बीसीएम शास्त्री

अंक: 97.4 प्रतिशत

स्ट्रीम: मेडिकल

पिता: अमनजोत सिंह (फार्मर)

मां: रुपिंदर कौर (मैथ टीचर)

लक्ष्य: डॉक्टर बनना

मिलनप्रीत ने बताया कि उसने एग्जाम को लेकर कभी स्ट्रेस नहीं लिया। न ही एगजाम टाइम में ज्यादा स्टडी की। परीक्षा की तैयारी के लिए 3 से 4 घंटे का समय तय किया हुआ था। वह बताती है कि जब भी वह स्टडी करती थी तो पूा ध्यान सिर्फ स्टडी पर ही होता था। उस वक्त किसी की भी डिस्टर्बेस पसंद नहीं थी। इसके अलावा एग्जाम टाइम पर प्रॉपर नींद ली। सबसे अहम सेल्फ स्टडी की। पिता खेतीबाड़ी का काम करते हैं। बायोलॉजी की किताब को 15 बार पढ़ा। मिलनप्रीत कहती है कि वह डॉक्टर बनकर जरूरतमंदों की मदद करना चाहती है।

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