कैप्टन ने गिनाए हैपी सीडर के फायदे, किसानों ने सलाह मानने से किया इंकार Ludhiana News
कैप्टन ने कहा कि शोर मचाने से कुछ नहीं होगा। यदि कोई शंका है या दिक्कत है तो पीएयू के माहिरों इंजीनियरों से बातचीत कर इस पर विचार करें। इससे टालने से समस्या का हल नहीं होगी।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के किसान मेले के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने उस समय अजीब स्थिति बन गई, जब किसानों ने उनकी सलाह मानने से साफ इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमािंदर सिंह ने किसान मेले में जब किसानों को पराली न जला कर हैपी सीडर के फायदे गिनाने शुरू किए, तो किसानों ने हाथ हिला कर असहमति प्रकट की और शोर भी किया।
किसानों के इस रुख से कैप्टन को थोड़ी झुंझलाहट भी हुई और उन्होंने कहा, नहीं पसंद तो न करो। इससे पंजाब का नुकसान करोगे। अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रख कर इस पर विचार करें। शोर मचाने से कुछ नहीं होगा। यदि कोई शंका है या दिक्कत है तो पीएयू के माहिरों, इंजीनियरों से बातचीत कर इस पर विचार करें। इससे टालने से समस्या का हल नहीं होगी।
कैप्टन ने कहा कि वे खुद खेतों में गए हैं। हैपी सीडर से खेती होती देखी है और फसल का झाड़ भी अधिक हुआ है। सरकार के पास आंकड़े हैं। सरकार हर संभव सहायता करने को तैयार है। इन बातों को टाल नहीं सकते। किसानों को मन बनाना होगा। इसका उपयोग करके ही फायदे का पता चल सकेगा। हैपी सीडर पर और राहत देने के लिए सिस्टम बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार से भी बात की जा रही है।
किसानों के इन्कार पर कैप्टन सिंह ने कहा कि प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। उनका मत था कि पवन गुरु, पानी पिता एवं धरती मां है। उनका हुक्म था कि गुरु समान पवन को दूषित न किया जाए। किसानों से अपील है कि वे पराली न जलाएं। इससे आने वाली पीढ़ी भी सुकून में रहेगी। इस वित्त वर्ष में किसानों को 28 हजार उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। इस पर 273.38 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
कैप्टन के आने से पहले रोके किसान, नारेबाजी
जासं, लुधियाना: कैप्टन के आने से पहले प्रशासन ने मेला ग्राउंड का प्रवेश द्वार बंद कर किसानों को रोक दिया। किसान पहले पुलिस अफसरों से बहस करते रहे और बाद में उन्होंने कैप्टन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। किसानों ने अफसरों को कहा कि मेला किसानों के लिए है न कि सीएम के लिए। नारेबाजी की सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर ने अफसरों को हिदायत दी कि किसानों मेला ग्राउंड में भेजें, ताकि सीएम के आने पर नारेबाजी न हो।
पानी नहीं बचाया तो बीस साल में रेगिस्तान हो जाएगा पंजाब
कैप्टन ने पानी की कम हो रही उपलब्धता पर चिंता जताई और इसे बचाने की अपील की। उन्होंने कहा यदि इस दिशा में कदम न उठाए, तो अगले बीस साल में पंजाब रेगिस्तान बन जाएगा। धान पंजाब की फसलनहीं थी, यहां के लोग ज्यादा चावल नहीं खाते थे, बावजूद इसके पंजाब ने चावल पैदा करके देश को आत्मनिर्भर बनाया, लेकिन इससे सूबे के पानी का काफी नुकसान हुआ। अब सरकार ने पहले चरण में दस लाख हेक्टेयर जमीन को धान की फसल से निकालने का खाका तैयार किया है। अब धान को छोड़ दालें, गन्ना, मक्की, फल, सब्जी इत्यादि को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। पानी की बर्बादी को कम करने के लिए डिप इरीगेशन वक्त की जरूरत बन गई है। सरकार अस्सी से नब्बे फीसद तक सब्सिडी दे रही है। पानी बचाओ पैसा कमाओ योजना को तहत किसानों को बिजली व पानी बचाने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है।
रिपोर्ट आने पर मिलेगा बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा
कैप्टन ने कहा कि पिछले दिनों आई बाढ़ से प्रभावितों गांवों में गिरदावरी कराई जा रही है। रिपोर्ट आने पर मुआवजा दिया जाएगा। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि दूध आयात के फैसले का विरोध करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उठाया करतारपुर फीस का मामला
कैप्टन ने करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं से पाक द्वारा लगाए बीस डॉलर के जजिया कर पर पीएम से अपील की कि इसे खत्म कराया जाए।
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