GST Return: जीएसटी की पेंडिंग रिटर्न फाइल करने का बेहतरीन मौका, देरी से भरने पर रोजाना नहीं होगा जुर्माना
GST Return लुधियाना के प्रमुख प्रोफेशनल की माने तो लुधियाना के 90 प्रतिशत टिन नंबरों पर 2017 से लेकर अब तक किसी न किसी रिटर्न को फाइल करना बकाया है। ऐसे में कारोबारियों के इसके लिए ब्याज का डर भी सता रहा था।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। GST Return: औद्योगिक नगरी लुधियाना में वर्ष 2017 से लागू हुए जीएसटी फार्मेट के तहत किसी न किसी वजह से 90 प्रतिशत टिन नंबर पर जीएसटी की पेडिंग पड़ी रिटर्न फाइल करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से अच्छा मौका प्रदान किया गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अब पैडिंग रिटर्न भरने के लिए भारी भरकम जुर्माने नहीं भरने पड़ेगे। जबकि रिटर्न की रकम के मुताबिक स्लैब सिस्टम बना दिया गया है। इससे जहां सरकार को राजस्व मिलने के साथ साथ अधिक से अधिक रिटर्न फाइल होंगी। वहीं कई कंपनियों के पैडिंग पड़े रिटर्न फाइल के केस भी खत्म हो जाएंगे।
लुधियाना के प्रमुख प्रोफेशनल की माने तो लुधियाना के 90 प्रतिशत टिन नंबरों पर 2017 से लेकर अब तक किसी न किसी रिटर्न को फाइल करना बकाया है। ऐसे में कारोबारियों के इसके लिए ब्याज का डर भी सता रहा था। इस योजना से लुधियाना के कारोबार अब अपने पुराने केस का निपटारा कर सकते हैं। इसके लिए निल रिटर्न फाइल करने के लिए पांच सौ रुपए और अगर जीएसटी की ट्रांजेक्शन हुई है, तो केवल एक हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। लेकिन इसके लिए शर्त रखी गई है कि इस सुविधा का लाभ एक जून से लेकर 31 अगस्त तक मान्य होगा, जबकि इसके पश्चात भारी भरकम जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल की जा सकेगी।
मंतोष कुमार एवं एसोसिएट के सीए मंतोष कुमार गुप्ता के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की ओर से यह कारोबारियों के एक अहम सुविधा दी गई है। यह योजना मुख्य रुप से छोटे कारोबारियों को ध्यान में रखकर निकाली गई है। क्योंकि उनकी ओर से ही रिटर्न कई सालों जमा नहीं करवाई जा रही। जिस कारोबारी की ओर से पैनलटी रकम को जमा करवाया गया है, उसकी पैनलटी रिफंड नहीं होगी। इसको लेकर सरकार से कई कारोबारियों ने अपील की है कि उनके पैनलटी रिफंड भी दिए जाएं। इसके साथ ही जिन कारोबारियों के रजिस्ट्रेशन नंबर रिटर्न फाइल न किए जाने के चलते रद्द कर दिए गए हैं, उनके लिए अभी कोई प्रावधान नहीं है। इनके लिए रि-स्टोर की सुविधा भी सरकार को देनी चाहिए।
इसके साथ ही सरकार ने 2020-21 की जीएसटी की एनुअल रिटर्न जिनका कारोबार दो करोड़ रुपये से कम है, उसे फाइल करने या न करने की छूट प्रदान की है। ताकि कोविड काल के चलते इस साल इंडस्ट्री को राहत दी जा सके। जीएसटीआर-9 सी के लिए अब सीए से सर्टीफाइड करवाना जरूरी नहीं होगा, इसे सैल्फ सर्टीफाइड से ही मान्य माना जाएगा। अब भविष्य की रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर रोजाना का जुर्माना नहीं लगेगा, बल्कि निल रिटर्न पर पांच सौ रुपए, डेढ़ करोड़ से कम कर दो हजार, डेढ़ से पांच करोड़ तक 5 हजार और पांच करोड़ से उपर सेल पर दस हजार की जुर्माना लगेगा।