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Pulwama Terror Attack: उद्योगपतियों की दो टूक, पाकिस्तान के साथ नहीं करेंगे कारोबार

केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने से उद्यमी समर्थन कर रहे हैं । उनका तर्क है कि इन हालात में वे पाकिस्तान के साथ कारोबार नहीं करना चाहेंगे।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 01:10 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 10:17 AM (IST)
Pulwama Terror Attack: उद्योगपतियों की दो टूक, पाकिस्तान के साथ नहीं करेंगे कारोबार
Pulwama Terror Attack: उद्योगपतियों की दो टूक, पाकिस्तान के साथ नहीं करेंगे कारोबार

जेएनएन, लुधियाना। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 44 जवानों की शहादत के बाद जहां पूरा देश में उबाल में है, वहीं उद्योग जगत में भी गुस्से से भरा हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने से उद्यमी गदगद हैं। उनका तर्क है कि इन हालात में वे किसी भी कीमत पर पाकिस्तान के साथ कारोबार नहीं करना चाहेंगे। कारोबार करने के लिए पूरा विश्व पड़ा है। साथ ही औद्योगिक संगठन इस हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों को आर्थिक सहयोग देने के लिए भी तत्पर हैं। भारत पाकिस्तान को कॉटन, डाई, केमिकल्स, सब्जी, आयरन एवं स्टील का निर्यात करता है। जबकि पाक से सीमेंट, लेदर, केमिकल, फल एवं मसालों का आयात किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि एमएफएन का दर्जा वापस लेने के बाद कारोबार पर कोई ज्यादा असर नहीं होगा। दोनों देशों के बीच 37 बिलियन डॉलर के कारोबार की क्षमता है, जबकि दोनों देशों के बीच आपसी कारोबार काफी कम है। इसमें अब और गिरावट आ सकती है।

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एमएफएन का दर्जा वापस लेना सही निर्णय: रल्हन

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि देश सर्वोपरि है। कारोबार बाद में आता है। पाक से एमएफएन का दर्जा वापस लेने का केंद्र सरकार ने सही फैसला लिया है। यह काफी पहले हो जाना चाहिए था। क्योंकि पाक आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है। रल्हन ने कहा कि इस दर्जे के कारण पाक से न्यूनतम ड्यूटी पर माल आ रहा था।

यह है एमएफएन

बता दें कि भारत ने वर्ष 1996 में पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान से भारत को न्यूनतम ड्यूटी पर उत्पादों का आयात किया जा रहा था। जबकि पाकिस्तान ने अब तक भारत को यह दर्जा नहीं दिया था। पाक ने 1209 उत्पादों के भारत से आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है। जबकि वाघा सीमा से करीब 138 उत्पाद पाकिस्तान को निर्यात किए जा रहे हैं।

पाक से नहीं होगा कोई कारोबार: गुनबीर सिंह

कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज पंजाब के पूर्व चेयरमैन गुनबीर सिंह का तर्क है कि दशहतगर्दी के माहौल में कारोबार की संभावना नहीं है। वाघा सीमा के जरिए सालाना 16800 करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है। यदि पाक भी भारत को एमएफएन का दर्जा देता तो यह कारोबार अरबों खरबों में हो सकता था। उन्होंने कहा कि पाक की नई इमरान खान की सरकार से भी हालात सुधर नहीं रहे हैं।

देश से ऊपर कुछ नहीं : केके सेठ

फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल आर्गेनाइजेशन के चेयरमैन एवं नीलम साइकिल्स के एमडी केके सेठ का कहना है कि देश से ऊपर कुछ नहीं है। ऐसे हालात में पाक के साथ कारोबार नहीं करेंगे। कारोबार करने के लिए विश्व के अन्य देशों में भी काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ सरकार को सख्त रवैया अपनाना होगा, ताकि पाकिस्तान को उसी की भाषा में सबक सिखाया जा सके।

पाक से कारोबार की नहीं जरूरत: लाकड़ा

बहादुरके टेक्सटाइल्स एंड निटवियर एसोसिएशन के चीफ एडवाइजर अजीत लाकड़ा ने कहा कि देश सर्वोपरि है। इन हालात में पाक से कारोबार नहीं किया जाना चाहिए। यहां के उद्यमियों को पाकिस्तान से कारेाबार करने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में एसोसिएशन की भी शीध्र ही बैठक बुला कर फैसला लिया जाएगा। लाकड़ा ने कहा कि एसोसिएशन ने सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल को पत्र लिख कर जवानों की शहादत पर शोक जताया है। साथ ही डायरेक्टर जनरल से शहीदों के परिवारों के पते भी मांगे गए हैं।

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