GST में संशोधन से होटलों और लघु उद्योगों को मिलेगी संजीवनी, कारोबारी खुश Ludhiana News
दो करोड़ की टर्नओवर पर जीएसटी रिटर्न फाइल करने को ऑप्शनल करने से इंडस्ट्री और व्यापारियों को डाक्यूमेंटेशन जैसे विभिन्न कार्यों से राहत मिलेगी।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी में संशोधन कर मरहम लगाने का काम किया गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में होटल इंडस्ट्री के लिए कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इसमें 7500 के टैरिफ पर 18 प्रतिशत जीएसटी, एक हजार से 7500 रुपये के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, एक हजार से नीचे के कमरे पर कोई जीएसटी नहीं होगा।
आउटसाइड कैटरिंग पर पांच प्रतिशत जीएसटी होगा। इसी प्रकार डायमेंड जॉब पर जीएसटी 1.5 प्रतिशत और अन्य जॉब वर्क पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत किया गया है। इसके साथ ही जीएसटी की सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9, 9ए में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में दो करोड़ तक के लिए ऑप्शनल कर दिया गया है। अब दो करोड़ रुपये की टर्नओवर तक रिटर्न फाइल करना लाजमी नहीं होगा, जबकि दो करोड़ रुपये से उपर की टर्नओवर पर जीएसटीआर-9 भरना जरूरी होगा। इसके साथ ही जीएसटीआर-9 की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है।
उद्यमी खुश, मिली राहत की सांस
पंजाब होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रधान अमरवीर सिंह के मुताबिक आउट कैटरिंग सहित होटल इंडस्ट्री को राहत देने के लिए सरकार ने अच्छे कदम उठाए हैं। सरकार की ओर से एक हजार रुपए तक के कमरे पर जीरो जीएसटी के साथ साथ विभिन्न टैरिफ में जीएसटी दर को कम करके कम ऑक्यूपेंसी में चल रही होटल इंडस्ट्री को राहत प्रदान की है। इसके साथ ही सरकार को बैंक्वट में भी जीएसटी दर को कम करना चाहिए। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव मोहिंदर अग्रवाल के मुताबिक वार्षिक रिटर्न (2017-18 एवं 2018-19) को दो करोड़ तक ऑप्शनल किए जाने छोटे व्यापारियों को खासा लाभ होगा। इसके साथ ही 2020 से जीएसटी की रिटर्न को सिंपलीफाई करने की बात कही गई है। सिंपलीफिकेशन से सरकार के रैवन्यू में बढ़ोतरी होगी।
होटल इंडस्ट्री को दी बड़ी राहत
मंतोष कुमार एंड एसोसिएट के सीए मंतोष कुमार गुप्ता के मुताबिक इस बैठक में व्यापारियों खासकर होटल इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी गई है। एक हजार रुपये तक के बजट रूम के लिए जीरो जीएसटी करने से ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही दो करोड़ की टर्नओवर पर जीएसटी रिटर्न फाइल करने को ऑप्शनल करने से इंडस्ट्री और व्यापारियों को डाक्यूमेंटेशन जैसे विभिन्न कार्यों से राहत मिलेगी। इस तरह के संशोधनों की लंबे समय से मांग की जा रही थी। भले ही 5 करोड़ रुपये तक की राहत की उम्मीद थी, लेकिन दो करोड़ राहत से एमएसएमई का एक बड़ा वर्ग कवर हो जाएगा।
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